नई दिल्ली: भारत में स्पेनिश ट्यूबरक्लोसिस वैक्सीन MTBVAC का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है. इंसानों से TB के वायरस को अलग कर उन्हें कमजोर कर टीके में इस्तेमाल करने वाला यह पहला ट्रायल है, जो भारत बायोटेक द्वारा एक स्पेनिश बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोफैब्री के साथ मिलकर किया जा रहा है. कंपनियों ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि MTBVAC की सुरक्षा और दक्षता का मूल्यांकन करने के लिए परीक्षण 2025 में शुरू होगा.
BCJ वैक्सीन को दे सकता है टक्कर
बायोफैब्री के CEO एस्टेबन रोड्रिग्ज ने कहा, "तीन दशकों से अधिक के शोध के बाद, देश में युवकों और नाबालिग में ट्रायल करने के लिए यह एक बड़ा कदम है, जहां दुनिया के 28 प्रतिशत TB के मामले सामने आते हैं. फिलहाल TB के खिलाफ लड़ाई में केवल एक टीका BCJ (बैसिलस कैलमेट और गुएरिन) है. यह 100 साल से ज्यादा पुराना है और फेफड़े से संबंधित TB की बीमारी पर यह बहुत ज्यादा असरदार नहीं है. इसलिए इस नए टीके की जरूरत है, जो ग्लोबल वैक्सिनोलॉजी में एक मील का पत्थर साबित होगा और इसे सार्वजनिक-निजी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक उदाहरण बताया गया है.
भारत बायोटेक ने निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा, 'भारत में क्लिनिकल ट्रायल के साथ ट्यूबरक्लोसिस के खिलाफ ज्यादा असरदार टीके की हमारी खोज को आज एक बड़ा बढ़ावा मिला है. युवाओं में बीमारी को रोकने के लिए TB के टीके विकसित करने का हमने लक्ष्य रखा और आज एक बड़ा कदम उठाया है. TB के टीकों का आविष्कार करने के इस प्रयास में हम बायोफैब्री, डॉ. एस्टेबन रोड्रिग्ज और डॉ. कार्लोस मार्टिन के साथ साझेदार बनकर अच्छा महसूस कर रहे हैं.'
फेज 2 डोज खोजने का ट्रायल पूरा होने के बाद, साल 2023 में नवजात शिशुओं में एक डबल-ब्लाइंड, कंट्रोल्ड फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है, जिसमें टीके की तुलना मौजूदा BCJ वैक्सीन से की जाएगी. दक्षिण अफ्रीका के 7,000 नवजात शिशुओं, मेडागास्कर के 60 और सेनेगल के 60 नवजात शिशुओं को टीका लगाया जाएगा. आज तक, 1,900 से अधिक शिशुओं को टीका लगाया गया है.
कोरोना के बाद बढ़े TB के मामले
बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के कारण संक्रमण में बढ़ोतरी हुई और इलाज में कमी आई. इस वजह से एक साल में TB से होने वाली मौतें 16 लाख से ज्यादा हो गईं. HIV असंक्रमित युवाओं में डोज बढ़ोतरी, ट्रायल पूरा करने के बाद, HIV संक्रमित युवाओं में फेज दो का शोध 2024 में शुरू हो गया है, जिससे यह तय किया जा सके कि MTBVAC इस आबादी में सुरक्षित है या नहीं. दक्षिण अफ्रीका में 16 स्थानों पर चल रहे इस परीक्षण में 276 वयस्कों का टीकाकरण शामिल है, जो MTBVAC के टीकाकरण वाले HIV नेगेटिव और HIV पॉजिटिव वयस्कों और किशोरों में सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता का मूल्यांकन कर रहा है.
इनपुट IANS
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