पहली IVF बेबी हुईं 40 साल की, जानें क्या बोलीं अपने ऐतिहासिक जन्म और आईवीएफ पर

पहली आईवीएफ बेबी का जन्म आज ही के दिन 1981 में वर्जीनिया में हुआ था. तब से अब तक दुनिया भर में आईवीएफ के माध्यम से 80 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 29, 2021, 12:39 PM IST
  • स्कूली शिक्षिका जूडिथ कैर की बेटी हैं एलिजाबेथ
  • प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण कर खुद मां बन चुकी हैं
पहली IVF बेबी हुईं 40 साल की, जानें क्या बोलीं अपने ऐतिहासिक जन्म और आईवीएफ पर

लंदन: अमेरिका की पहली आईवीएफ बेबी 40 साल की हो चुकी हैं. उनका जन्म आज ही के दिन 1981 में वर्जीनिया में हुआ था. तब से अब तक दुनिया भर में आईवीएफ के माध्यम से आठ मिलियन से अधिक बच्चे पैदा हुए हैं. उनका कहना है कि वह हमेशा लोगों की नज़रों में पली-बढ़ी हैं. इसलिए उन्हें किशोरवस्था कभी बिगड़ने या गलती करने का मौका नहीं मिला. 

अमेरिका की पहली आईवीएफ बेबी का कहना है कि वह हमेशा वैकल्पिक प्रजनन उपचार (आईवीएफ) की हिमायत करेगी क्योंकि इसी वजह से उन्हें जन्म मिला और आज उन्होंने उम्र का एक पड़ाव पार कर लिया है. एलिजाबेथ जॉर्डन कैर को 28 दिसंबर, 1981 को वर्जीनिया के नॉरफ़ॉक जनरल अस्पताल में 28 वर्षीय स्कूली शिक्षिका जूडिथ कैर को सौंपा गया था, जिनकी फैलोपियन ट्यूब को पिछली असफल गर्भधारण के परिणामस्वरूप हटा दिया गया था. जूडिथ के पति 30 साल के इंजीनियर रोजर थे. 

वह आईवीएफ के माध्यम से पैदा होने वाली दुनिया की पंद्रहवीं बच्ची थी, लेकिन अमेरिका में पहली बार आईवीएफ तकनीक से किसी बच्ची का जन्म हुआ था. एक अनुमान के मुताबिक अब तक आईवीएफ के जरिए 80 लाख बच्चे पैदा हो चुके हैं.

पहले आईवीएफ के बारे में कई नैतिक चिंताएँ थीं
कैर, जो अब प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण कर एक 11 वर्षीय बेटे की मां बन चुकी हैं.  कैर ने कहा कि 'मैं हमेशा से जानती थी कि मैं आईवीएफ की प्रवक्ता हूं और इसलिए मुझे ठीक से व्यवहार करने, मुखर होने, प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम होने की आवश्यकता थी. मैं एक विद्रोही लड़की नहीं बन सकती थी. मुझे पता था कि मैंने जो कुछ भी किया है, लोग उसे देखेंगे.' उस समय, आईवीएफ के बारे में कई नैतिक चिंताएँ थीं जिनमें अग्रणी नए उपचार के बारे में बहुत कम जानकारी थी.

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लुईस की मां जूड को तीन गर्भपात का सामना करना पड़ा था. उनके डॉक्टर को भी आईवीएफ के बारे में बहुत कम जानकारी थी, लेकिन उन्होंने एक मेडिकल कॉन्फ्रेंस से इसके बारे में जानकारी हासिल की और दंपति को यह तकनीक अपनाने की सलाह दी. अनुमान है कि उस वक्त इस उपचार में करीब पांच लाख रुपये का खर्च आया. 

पूरे जीवन पर रहा आईवीएफ का असर
एलिजाबेथ के जन्म के कुछ ही घंटों बाद, मीडिया उसके माता-पिता का साक्षात्कार करने की कोशिश कर रहे थे. शुरू में उन्होंने मना किया लेकिन बाद में लोगों को इस नई प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने का फैसला लिया. लेकिन लोगों की नज़रों में जीवन लुईस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, जो यह जानकर बड़ी हुई कि वह आईवीएफ उपचार के लिए काफी महत्वपूर्ण शख्स हैं. उसके माता-पिता ने कभी दूसरे बच्चे के लिए प्रयास नहीं किया और लुईस ने खुद को प्रजनन रोगी अधिवक्ता मानते हुए स्वास्थ्य पत्रकारिता में जाने का फैसला किया

उनके बेटे ट्रेवर का जन्म 2010 में उनके पहले पति से हुआ था. इसमें कोई समस्या नहीं आई. अब उन्होंने दूसरी शादी कर ली है. लेकिन उन्होंने गर्भावस्था के बारे में चिंतित होने की बात स्वीकार करते हुए कहा: 'मैं जानती थी, सिर्फ अपनी माँ के इतिहास के कारण, कि किसी भी समय कुछ गलत हो सकता है.  उनकी आगामी पुस्तक अंडर द माइक्रोस्कोप: द यूएसएज फर्स्ट आईवीएफ बेबी है, जो 7 जनवरी को रिलीज होगी. उन्होंने कहा: 'मैं चाहती हूं कि लोगों को यह पता चले कि मैं वास्तव में कौन हूं ... "एलिजाबेथ कैर, पहला आईवीएफ बेबी" पूरी कहानी या तस्वीर नहीं है कि मैं एक इंसान के रूप में कौन हूं. उनके पिता की इस साल जून में मृत्यु हो गई थी.  हॉवर्ड जोन्स, जिस डॉक्टर के अग्रणी काम के कारण लुईस का जन्म हुआ, उनका 2015 में 104 वर्ष की आयु में निधन हो गया. 

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