नई दिल्ली: अमेरिकी चुनाव पूरा होने का वक्त जैसे-जैसे बीत रहा है, ट्रंप और बाइडेन के बीच चुनावी जंग तेज़ होती जा रही है. आलम ये है कि 6 राष्ट्रपतियों के साथ काम करने वाले साइंटिस्ट डॉ फाउची को ट्रंप इडियट कहते हैं तो प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन को क्रिमिनल. उधर कमला हैरिस ने वोटर्स से कहा अगर हर क्षेत्र में न्याय पाना चाहते हैं तो उनकी पार्टी को वोट करें. साथ ही ट्रंप के चुनावी मंच पर डिस्को का जवाब भी उन्होंने डांस से ही दिया है.
ट्रंप के डिस्को का जवाब...कमला हैरिस का डांस!
कुछ मायने में भारत और अमेरिका के चुनाव में आपको समानता लगती होगी, जब कैंडिडेट एक दूसरे पर तीखे आरोप लगाते हैं. पर कई मायनों में अमेरिकी चुनाव प्रचार का अंदाज़ बिल्कुल जुदा है. कुछ दिन पहले यंग मैन की धुन पर चुनावी मंच पर आपने रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप को डांस करते देखा होगा तो हैरान हुए होंगे. लेकिन अब वाइस प्रेसिडेंट के लिए डेमोक्रेटिक कैंडिडेट कमला हैरिस ने उसका भी जवाब फ्लोरिडा में डांसिंग स्टेप्स से ही दिया है. हमारे-आपके हिसाब से ये अमेरिकी चुनाव के चोंचले हैं,लेकिन अमेरिकी वोटर्स पर इनका कुछ असर होगा तभी पक्ष-विपक्ष सभी पार्टियों के नेता ऐसे चोंचलों को आजमाते नज़र आते हैं.
लेकिन इन सबके बीच जैसे-जैसे चुनाव की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है मुद्दा कोरोना पर फोकस होने लगा है और इसे लेकर आरोपों की बैछार बेहद तेज़ होती जा रही है. जैसे जैसे कोरोना पर लगाम ना लगा पाना ट्रंप की सबसे बड़ी नाकामी के रुप में उभर रहा है,...वैसे वैसे ट्रंप के तेवर तीखे और वार 'बिलो द बेल्ट' होते जा रहे हैं. आलम ये है कि देश का राष्ट्रपति, कोरोना जैसी महामारी से बचाव अभियान के सबसे प्रमुख डॉक्टर को इडियट तक कह रहा है.
यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने कहा ''लोग कोविड-19 से थक चुके हैं, लोग फाउची और उन जैसे सभी इडियट्स को सुन-सुन कर पक गए हैं, हर बार जब वो टेलिविजन पर जाते हैं तो एक 'बम' फोड़ देते हैं, लेकिन अगर उन्हें निकाल दिया जाए, तो और बड़ा बम फट पड़ेगा, फाउची एक तबाही हैं, अगर मैने उनकी सुनी होती तो कोरोना से अमेरिका में 5 लाख मौतें होतीं.''
डॉ फाउची पर ट्रंप के इस घटिया प्रहार के पीछे वजह ये है कि कुछ दिनों पहले डॉ फाउची ने कहा था कि कोविड -19 को रोकने के लिए अगर वक्त रहते क़दम उठाए गए होते तो अमेरिका में इतनी मौतें नहीं होतीं.तब से ट्रंप और बाइडेन की बहस के बीच डॉ फाउची भी पिस रहे हैं.
ट्रंप ने ढूंढा बलि का बकरा!
दरअसल अमेरिका में कोरोना से 2 लाख 17 हज़ार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं,...खुद ट्रंप भी पोजेटिव हुए,...इसके बावजूद ना तो वो मास्क लगाते हैं, ना सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह करते हैं. और किसी भी सूरत में जीत के लिए ताबड़तोड़ बड़ी-बड़ी चुनावी सभाएं करने में जुटे हैं. ये माना जाने लगा है कि कोरोना वायरस से जंग में जिस प्रेरणा देने वाले नेतृत्व की ज़रूरत थी, उसमें ट्रंप बिल्कुल नाकाम रहे हैं. जिसका चुनाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन लगता है जैसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बलि का बकरा ढूंढ रखा है, जब भी वो कोरोना को लेकर घिरते हैं तो खुद को बेहद क़ाबिल बताने के लिए डॉ फाउची को उन आरोपों पर कुर्बान करने में देर नहीं लगाते.
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यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने कहा ''आप जानते हैं, बाइडेन तालाबंदी चाहते हैं. वो डॉ फौउची को सुनना चाहते हैं. और मत भूलिए, डॉ फौउची चाइना से दूरी नहीं चाहते थे, मैंने कहा, मुझे माफ करें, डॉक्टर आप एक अद्भुत व्यक्ति हैं. मैं चाइना से रिश्ते बंद कर रहा हूं. मैंने हजारों लोगों की जान बचाई. उसने इसे दो महीने बाद स्वीकार किया. डॉ फाउची ने कहा, मास्क मत लगाओ. क्या तुम्हें हक़ीकत नहीं दिखती? और अब वो मास्क लगा रहे हैं.''
इतना ही नहीं ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन को क्रिमिनल तक कहा, मीडिया पर भी हमला करने से बाज़ नहीं आए,...और जो बाइडेन की कवरेज करने के लिए ट्रंप ने मीडिया को भी कोसा. यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने कहा ''यहां जो हो रहा है वो सही नहीं है,..जो बाइडेन एक भ्रष्टाचारी नेता है,...और आप सब उसको कवर करते हैं? ये बहुत गलत है''
कमला हैरिस दे रही हैं टक्कर
लेकिन उधर विपक्ष भी कमर कस कर तैयार है,....कमला हैरिस भी चुनावी कैंपेन में अपने आक्रामक तेवर दिखाने से हिचकती नहीं. फ्लोरिडा के ओरलैंड में एक चुनावी कैंपेन के वक्त तेज़ बारिश होने लगी पर बारिश में भी कमला हैरिस डटी रहीं, खुद छाता थामे रहीं,,,,पर अपने भाषण के मुद्दों को धार देती रहीं,....
डेमोक्रिटेक वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट कमला हैरिस ने कहा ''वो जानते हैं, हम वोट करेंगे और हम जीतेंगे,...क्योंकि 2020 के चुनाव में बैलेट से न्याय होगा, बैलेट से आर्थिक न्याय का रास्ता खुलेगा,...क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में सुधार का दरवाज़ा खुलेगा, पर्यावरण के मुद्दे पर न्याय होगा. हमे हमारी ताक़त पता है, इसलिए हम अंतिम दिन तक हर दिन ज्यादा से ज्यादा वोट करेंगे,और जीतेंगे''
उलझन में हैं ट्रंप
यही कारण है कि तीसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट जो 22 अक्टूबर को होनी है इसके मुद्दो पर ट्रंप खेमा सहमत नहीं है। इस बहस के लिए 6 मुद्दों को लिस्ट किया गया है, जिनमें कोरोना वायरस से लड़ाई,अमेरिका के परिवार, अमेरिका में नस्ल, जलवायु परिवर्तन, नेशनल सिक्योरिटी और नेतृत्व शामिल हैं. मगर ट्रंप इन मुद्दों से संतुष्ट नहीं,....ट्रंप खेमा इसमें विदेश नीति शामिल करना चाहता है,....ट्रंप को लगता है कि विदेश के मोर्चे पर उनकी नीतियां शानदार रही हैं,..जिन्हें वो चुनाव में भुना सकते हैं.
चूकि दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट रद्द हो गई थी,...और पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के वक्त ट्रंप और बाइडेन में बीच-बीच में इतनी टोका-टोकी हुई थी,...कि अब तीसरी और अंतिम डिबेट के लिए म्यूट बटन का इस्तेमाल किया जाएगा. लेकिन अमेरिकी जनता म्यूट नहीं है,...और अभी अर्ली वोटिंग के ज़रिए ढाई करोड़ से ज्यादा वोट डाले जा चुके हैं. किसका पलड़ा भारी है जानने के लिए बस कुछ ही दिनों का इंतजार बाकी है.
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