भारत में रहने वाले अमरीकियों ने कहा - बाड़ी जाबो न !!

कभी अमेरिका में रहने वाले भारतीय वापस अपने देश नहीं आना चाहते थे आज हालत ऐसी है कि भारत में रहने वाले अमरीकी वापस नहीं जाना चाहते. इसकी बड़ी वजह कोरोना है जिसने अमेरिका में आतंक मचा रखा है जबकि वह भारत में अब तक ठीक से पांव नहीं पसार पाया है. अब दुनिया को भी समझ में आया है - ईस्ट एंड वेस्ट, इंडिया इज़ दी बेस्ट!

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Apr 9, 2020, 01:51 AM IST
    1. स्वदेश जाने से झिझक रहे हैं अमरीकी
    2. मुसीबत यहां भी मुसीबत वहां भी
    3. साढ़े पांच हज़ार से अधिक अमेरिकी हैं यहां
भारत में रहने वाले अमरीकियों ने कहा - बाड़ी जाबो न !!

नई दिल्ली: अमेरिका को अपने देशवासियों की बड़ी चिंता है और उसने भारत से अब तक एक हज़ार तीन सौ अमरीकियों को भारत से निकाल कर वापस ले जाने में कामयाबी पा ली है लेकिन अब भी बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक भारत में रह रहे हैं और ये अमरीकी नागरिक अब भारत से वापस जाना नहीं चाहते. इन्हें अपने देश से अच्छा लग रहा है वो देश जिसके लिए हम कहते हैं - सारे जहां से अच्छा हिन्दोसितां हमारा!

स्वदेश जाने से झिझक रहे हैं अमरीकी

अमेरिका को ये तो पता है कि ये उसका कर्तव्य है कि वह विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों की वापसी का इंतज़ाम करे, लेकिन उसको ये पता नहीं कि भारत में रहने वाले अमरीकी नागरिकों को अब भारत भला लग रहा है बनिस्बत अपने मुल्क अमेरिका के.

मुसीबत यहां भी मुसीबत वहां भी

कोरोना यहां भी है और कोरोना वहां भी है. लेकिन ये ज़रूर सच है कि कोरोना का कहर अमेरिका में ज्यादा है भारत के मुकाबले. फिर भी घर तो घर है लेकिन इंडिया में रह रहे इन अमेरिकियों का मानना है कि होम इज़ व्हेअर दी हार्ट इज़. और इनका हार्ट अब इण्डिया में है क्योंकि इंडिया में कोरोना तो है लेकिन इण्डिया ज्यादा सेफ है.

साढ़े पांच हज़ार से अधिक अमेरिकी हैं यहां

कोरोना वायरस के कारण भारत में फंसे अपने करीब 1300 नागरिक अमेरिका ने अब तक निकाले हैं और अभी भी बड़ी संख्या में अमेरिकी भारत में रह रहे हैं, जो स्वदेश लौटने के इच्छुक नहीं लगते.

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अमेरिका की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की कार्यवाहक उप सचिव एलिस जी वेल्स ने बताया कि अब तक करीब 1300 अमेरिकी नागरिकों को अमेरिका वापस लाया गया है.अभी इस हफ्ते अमेरिका के लिए भारत से लिए पांच अतिरिक्त उड़ानें निर्धारित की गई हैं. किन्तु फिलहाल सही संख्या बता पाना मुश्किल है कि कितने अमेरिकी भारत से स्वदेश लौटने के लिए सहायता चाहते हैं. वैसे पंजीकृत अमरीकियों की संख्या की बात करें तो अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास में सात हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है.

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