चीन के 'भड़ास' टाइम्स का भारत विरोधी विष-वमन

कमाल की बात है भारत में देशप्रेम की कोई कमी नहीं है लेकिन भारत का कोई भी मीडिया मंच जहरीले चीन के खिलाफ जहर नहीं उगल रहा है. और इसकी वजह चीन भी जानता है कि भारत शांति का समर्थक है और किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई से परहेज करता है. लेकिन इसका लाभ लेकर दुश्मन चीन का सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स अनाप-शनाप बके जा रहा है..    

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Jun 5, 2020, 09:08 PM IST
    • चीन के ग्लोबल टाइम्स में भारत विरोधी भड़ास आई सामने
    • चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स
    • ग्लोबल टाइम्स ने भारत को बनाया निशाना
    • 'भारत को रणनीतिक श्रेष्ठता का भ्रम है'
चीन के 'भड़ास' टाइम्स का भारत विरोधी विष-वमन

नई दिल्ली.  दुनिया का सबसे नकली मीडिया और दुनिया का सबसे बिका हुआ मीडिया दोनों एक ही हैं. और वो है चीन का मीडिया. चीन की तानाशही सरकार ने स्वतंत्र मीडिया को श्वान बना कर बेड़िया पहनाई हुई हैं और अपने सरकारी मीडिया को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया बना डाला है. लेकिन चीन की मूर्खता देखिये, इस जहरीले ड्रैगन से दुनिया रूबरू हो चुकी है फिर भी इसे लगता है कि मीडिया प्रोपगंडा करके वह अपनी छवि निखार सकता है. 

 

कौन है ये चीन का सरकारी मीडिया 

चीन का मीडिया सरकारी मीडिया है और ग्लोबल टाइम्स नामक इस मीडिया को चीन ने अपना भोंपू बनाया हुआ है. एक तरफ से चीनी सरकार बोलती है दूसरी तरफ दुनिया सुनती है और एक कान से सुन कर दुसरे से निकाल देती है क्योंकि सबको पता है कि चीनी ढोंग का धतूरा है ये ग्लोबल टाइम्स जिसके नशे में यह दम्भी देश दिन-रात झूमता है. लद्दाख 

 ग्लोबल टाइम्स ने भारत को बनाया निशाना 

लद्दाख सीमा विवाद को पैदा किया है चीन ने और इस पर शान्ति की बात कर रहा है भारत. लेकिन भारत आक्रामकता वही प्रदर्शित कर रहा है जो चीनी सैनिक सीमा पर दिखा रहे हैं. इधर शनिवार 7 जून को जब दोनों सेनाओं के मध्य सीमा-विवाद के समाधान हेतु लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों के बैठक होने वाली है तब उसके ठीक पहले ग्लोबल टाइम्स ने भारत के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली है.

'भारत को रणनीतिक श्रेष्ठता का भ्रम है' 

 दम्भी चीन की कुंठा देखनी है तो ग्लोबल टाइम्स देख लीजिये. चाहे भारत की बात हो या अमेरिका की, इसमें झांकिए तो जहरीला ड्रैगन शब्दों की फुंकार मारता नज़र आता है.  अब भारत और अमेरिका की ऐतिहासिक मैत्री से भयभीत चीन अपने भय को अपने शब्दों की भड़ास में छुपाना चाहता है. चीनी सरकार ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छापा है कि भारत को अमेरिका या किसी और देश के उकसावे में नहीं आना चाहिए. चीन की दबी हुई पूंछ तो इस पंक्ति में दिख गई जिसमें यह मुखपत्र लिखता है कि -भारत को चीन के विरुद्ध अपनी रणनीतिक श्रेष्ठता का भ्रम है. भारत को कोई भ्रम नहीं पर चीन को भय जरूर है - ये अब दुनिया ने देख लिया.

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