गाजा पट्टी में जल्द युद्धविराम, संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित, US ने वोटिंग से बनाई दूरी

15 देशों वाली सुरक्षा परिषद ने 10 गैर-स्थायी निर्वाचित सदस्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अपनाया. 14 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 26, 2024, 12:39 AM IST
  • गाजा में जल्द होगा युद्ध विराम.
  • जानें क्या बोले UN महासचिव.
गाजा पट्टी में जल्द युद्धविराम, संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित, US ने वोटिंग से बनाई दूरी

संयुक्त राष्ट्र. गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध पर जल्द विराम लग सकता है. इस संबंध में  सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद  ने मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के दौरान गाजा में तत्काल संघर्षविराम के प्रस्ताव को पारित किया. संघर्ष के लगभग पांच महीने से अधिक वक्त बीतने के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया है.

15 देशों वाली सुरक्षा परिषद ने 10 गैर-स्थायी निर्वाचित सदस्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अपनाया. 14 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ. इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने X पर दी है. एक पोस्ट में गुतारेस ने कहा-UNSC ने गाजा पर लंबे समय से प्रतीक्षित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है. इस संकल्प को क्रियान्वित किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं करना अक्षम्य होगा.

अमेरिका ने क्या कहा?
इस प्रस्ताव पर यूएस की संयुक्त राष्ट्र में राजदूत लिंडा थॉमस ने कहा- यह इस बात जोर देता है कि हमें शांति के लिए फिर से प्रतिबद्ध होना चाहिए। हमास समझौते को स्वीकार करके ऐसा कर सकता है. बंधकों की रिहाई के साथ ही युद्धविराम तुरंत प्रभावी हो सकता है. इसलिए हमें हमास पर ऐसा करने के लिए दबाव डालना चाहिए. युद्धविराम सुनिश्चित करने और बंधकों की रिहाई का यही एकमात्र रास्ता है, जैसा कि हम सभी ने आज आह्वान किया है.

भड़के नेतान्याहू, अमेरिका पर लगाए आरोप
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष विराम के आह्वान के विरोध में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की वाशिंगटन यात्रा रद्द कर दी. अमेरिका द्वारा अपनी वीटो शक्ति का उपयोग न करने और इसके बजाय अनुपस्थित रहने का निर्णय लेने के बाद प्रस्ताव 14-0 से पारित हो गया. नेतन्याहू ने अमेरिका के प्रति नाखुशी जताई. प्रस्ताव में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई की शर्त शामिल नहीं है. उन्होंने अमेरिका पर अपने सैद्धांतिक रुख से पीछे हटने का आरोप लगाया.

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