नई दिल्ली. चीन वो चमगादड़ है जो बिना पिटे नहीं मानेगा, लद्दाख की सीमा पर जो हो रहा है उसे देख कर बिलकुल यही कहा जा सकता है. चीन को पीटने की तैयारी वाली इस मुहिम में अब भारत के साथ कई देश जुड़ रहे हैं.
चीन के खिलाफ साथ आये कई देश
दक्षिण चीन सागर में चीन को सबक सिखाने के लिए कई देश साथ आये हैं. भारत और अमेरिका ने यहां पहले ही अपने युद्ध पोत तैनात कर दिए हैं. दक्षिण चीन सागर में चीन की बेजा हरकतों का जवाब देने के लिए भारत के अलावा अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया तो साथ आये हैं बल्कि दूसरे कई देश भी इस मुहिम में लामबंद हुए हैं.
अमेरिका है पहले ही आक्रामक
चीन के खिलाफ अमेरिका पहले से ही आक्रामक है और उसने दक्षिण चाइना सी क्षेत्र में कड़ी नज़र बनाई हुई है. अमेरिका के जंगी जहाज और विमान वाहक जहाज भी लगातार इस इलाके में निगरानी के काम में मुस्तैद रहते हैं.
दक्षिण चीन सागर में चीन का दावा
दक्षिण चीन सागर में चीन का दावा और उसकी दादागिरी की कोशिश कोई नई बात नहीं है. आज से साठ साल पहले चीन ने दक्षिण चीन सागर में पहली बार अपने अधिकार का दावा किया था. उस समय किसी ने उसका विरोध नहीं किया था किन्तु अब उसके विरोध में एक नहीं किन्तु अनेक देश हैं.
हर पड़ोसी देश से विवाद
चीन दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसका अपने हर पड़ोसी देश से सीमा विवाद है. ज़ाहिर है, इसका कारण चीन की विस्तारवादी नीतियां हैं. चीन की कम्यूनिस्ट सरकार ने अपने फायदे के लिए ही दक्षिण चीन सागर में अवैध रूप से अनिधकार कब्जा किया हुआ है.