चीन में शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट होने की चर्चा, नए राष्ट्रपति को लेकर सामने आया ये नाम

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट करने की बात सोशल मीडिया पर कही जा रही है. दावा किया जा रहा है कि पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए शी जिनपिंग देश से बाहर थे, तब उन्हें सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 24, 2022, 07:06 PM IST
  • चीन में सैन्य तख्तापलट का दावा
  • सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया ट्वीट
चीन में शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट होने की चर्चा, नए राष्ट्रपति को लेकर सामने आया ये नाम

नई दिल्लीः चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट करने की बात सोशल मीडिया पर कही जा रही है. दावा किया जा रहा है कि पिछले दिनों उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए शी जिनपिंग देश से बाहर थे, तब उन्हें सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. 

चीन में सैन्य तख्तापलट का दावा
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सेना ने चीन में तख्तापलट कर दिया है. वहीं, अब तक इन चर्चाओं का न ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने खंडन किया है और न वहां के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने. सोशल मीडिया पर शी जिनपिंग हैशटैग के साथ तमाम बातें कही जा रही हैं.

सुब्रमण्यम स्वामी ने भी किया ट्वीट
बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया. इसके बाद से शी जिनपिंग को लेकर सवाल और तेज हो गए हैं. 

 

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, 'चीन को लेकर एक नई अफवाह है. इसकी जांच की जानी चाहिए कि क्या शी जिनपिंग नजरबंद हैं? माना जा रहा है कि जब जिनपिंग समरकंद में थे, तब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया था. उसके बाद अफवाह है कि उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया है.'

क्या राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के कुछ सोशल मीडिया हैंडल से कहा जा रहा है कि शी जिनपिंग को चीन के राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने शी को नजरबंद किया है. यह भी कहा जा रहा है कि ली कियाओमिंग चीन के नए राष्ट्रपति बन गए हैं.

क्या जिनपिंग विरोधी खेमे ने उड़ाई है अफवाह
हालांकि, सोशल मीडिया पर चल रहीं इन चर्चाओं की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसी तरह सीएनएन, बीबीसी, रॉयटर्स जैसे मीडिया संस्थानों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है. माना जा रहा है कि यह अफवाह जिनपिंग विरोधी खेमे की ओर से उड़ाई गई होगी.

दरअसल, बीते दिनों दो पूर्व मंत्रियों को मौत और चार अधिकारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. ये एक राजनीतिक गुट का हिस्सा थे. माना जा रहा है कि ये अधिकारी जिनपिंग विरोधी हैं. इसी खेमे से ये अफवाई उड़ाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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