'तालिबानी आओ और मुझे मार दो' झकझोर देगी 27 साल की इस पहली महिला मेयर की कहानी

अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी महज 27 साल की हैं. उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर कमाल का काम किया और इतिहास रचा. लेकिन अब सब टूटता नजर आ रहा है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 17, 2021, 12:49 PM IST
  • जानिए कौन हैं जफीरा
  • उनके पिता की भी हुई हत्या
'तालिबानी आओ और मुझे मार दो' झकझोर देगी 27 साल की इस पहली महिला मेयर की कहानी

नई दिल्लीः 20 साल पहले तालिबान के चंगुल से आजाद हुआ अफगानिस्तान फिर क्रूरता के घेरे में आ गया है. लेकिन इस 20 साल के सफर में इस छोटे से देश ने कई क्षेत्र में बेहतर काम किया. खासतौर पर महिलाएं समाज की मुख्यधारा में आईं. पढ़ाई लिखाई के साथ ही महिलाओं ने देश की राजनीति में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया था. लेकिन आज ये सबकुछ बर्बाद होता नजर आ रहा है तो बस सिसकी ही सिसकी है. अफगानिस्तान के कई पोस्ट और वीडियो आपके दिलों को दहला देंगे. लेकिन इस देश की 27 साल की एक मेयर ने जिस तरह से बयान दिया है वो आपको अंदर तक झकझोर देगा. 

27 साल की इस महिला को सुनिए
अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी महज 27 साल की हैं. उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर कमाल का काम किया और इतिहास रचा. लेकिन अब सब टूटता नजर आ रहा है. अब जरीफा ने बेबसी के साथ तालिबान को खुला चैलेंज दिया है. उन्होंने कहा है कि मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान आएं और मुझे व मेरे जैसे अन्य लोगों को मार डालें. जरीफा ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जरीफा ने कहा कि वह अपने अपार्टमेंट के कमरे में बैठी हैं और तालिबान का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यहां मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है. मैं अपने परिवार और पति के साथ बैठी हूं. वह मुझे और मेरे जैसे लोगों को मार डालेंगे. लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं. आखिर मैं जाऊं भी तो कहां? इसके बाद जरीफा ने बात करने में असमर्थतता जता दी. बता दें कि हालात इतने खराब हैं कि तमाम वरिष्ठ नेता देश छोड़कर अन्य जगहों पर भाग रहे हैं. खुद अफगान प्रेसीडेंट देश छोड़कर जा चुके हैं. 

युवाओं से जताई थी उम्मीद
27 साल की गफारी 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक प्रांत से सबसे युवा और पहली महिला मेयर चुनी गई थीं.  तालिबान के फिर से उभार के बीच मिसेज गफारी को रक्षा मंत्रालय में जिम्मेदारी दी गई थी. उनके ऊपर हमलों में घायल हुए सिपाहियों और आम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी थी. तीन हफ्ते पहले गफारी ने कहा था कि युवा लोगों को पता है कि क्या हो रहा है. उनके पास सोशल मीडिया है और वो आपस में बातचीत करते हैं. मुझे उम्मीद है कि वो लोग प्रगति और अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे. गौरतलब है कि तालिबान महिला नेताओं को जान से मारने की बातें करता रहता है. गफारी के पिता की भी पिछले साल 15 नवंबर को हत्या कर दी गई थी.

दुनिया से मदद की अपील
जाफरी के साथ ही अफगानिस्तान की कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि उन्हें बचा लिया जाए. महिलाओं का कहना है कि पिछले 20 साल में इस देश ने काफी तरक्की की है. लेकिन अब सब बर्बाद हो रहा है. हम अपील कर रहे हैं कि दुनिया अफगानिस्तान की ओर देखे.

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