पाकिस्तान के अस्पताल में कोरोना पीड़ित को अपने हाल पर छोड़ा

चीन के सामने हर समय कटोरा लेकर भीख मांगने वाला पाकिस्तान कोरोना वायरस से पीड़ित अपने नागरिकों का इलाज नहीं करा पा रहा है. पाकिस्तान पहले ही चीन में अपने नागरिकों को बचाने से पीछे हट गया था और उन्हें उनके हाल पर ही छोड़ दिया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2020, 10:48 AM IST
    • पाकिस्तान का एक और अमानवीय चेहरा सामने आया
    • मरीज को कमरे में बंद कर दिया
    • मरीज ने वीडियो जारी कर दर्द किया बयां
पाकिस्तान के अस्पताल में कोरोना पीड़ित को अपने हाल पर छोड़ा

दिल्ली: कोरोनावायरस की वजह से चीन से वापसी करने के इच्छुक लोगों को वहीं रहने की सलाह देने पर जगहंसाई का पात्र बने पाकिस्तान का एक और अमानवीय चेहरा सामने आया है. पाकिस्तान की सरकार इस कदर बेरहम हो गयी है कि उसे अपने नागरिकों की जरा भी फिक्र नहीं है. पाकिस्तान के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने कोरोना वायरस से पीड़ित एक मरीज का इला करने से इनकार कर दिया और उसे एक कमरे तड़पने के लिये बंद कर दिया.

मरीज को कमरे में बंद कर दिया

सिंध सूबे में कोरोनावायरस के एक संदिग्ध मरीज के सामने आने के बाद वहां के अस्पताल ने उसका इलाज करने से मना कर दिया. वुहान में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कर रहा शाहजेब अली रहूजा शनिवार को अपने मुल्क पहुंचा था और कोरोना वायरस के लक्षण उसमें प्रतीत हो रहे थे. पीड़ित के भाई इरशाद ने दावा किया है कि शाहजेब की हालत देख डॉक्टरों ने उसे एक कमरे में बंद करके उसे अपने हाल पर छोड़ दिया.

वीडियो जारी कर दर्द किया बयां

कोरोना वायरस से पीड़ित के भाई इरशाद ने इस मामले का एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में इरशाद ने दावा किया है कि शाहजेब की हालत देख डॉक्टरों ने उसे एक कमरे में बंद करके उसे अपने हाल पर छोड़ दिया. वायरल वीडियो में कहा गया है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने शाहजेब को जांच और इलाज के लिए कराची भेजने का आश्वासन किया है, क्योंकि यहां के सरकारी अस्पताल में बीमारी के इलाज के इंतजाम नहीं हैं.

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शनिवार को वुहान से पहुंचा पाकिस्तान

वुहान में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कर रहा शाहजेब अली रहूजा शनिवार को अपने मुल्क पहुंचा था. उसके भाई इरशाद के मुताबिक चीन के एयरपोर्ट पर शाहजेब की स्क्रीनिंग के बाद कराची हवाई अड्डे पर उसकी जांच की गई थी, लेकिन उसमें कोई लक्षण नहीं मिला था. घर लौटने के बाद उसे बुखार और खांसी होने लगी तो उसे दवाएं दी गईं. नाक से खून बहने के बाद उसे अस्पताल लाया गया था जहां उसका इलाज करने से मना कर दिया गया.

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