नई दिल्ली. नेपाल के लिए है ये खबर जो नेपाल के होश ठिकाने ला देगी. चीन ने अपने पडोसी देश लाओस को पहले तो बहुत बड़ा कर्ज़ा दिया और उसके बाद अब उसके पावर ग्रिड पर कब्जा कर लिया है. ये तो बस एक मिसाल है, दक्षिण अफ्रीका के कई देश पहले ही इस चीनी साजिश का शिकार हो चुके हैं.
चीन की डेट ट्रैप डिप्लोमसी
चीन के विस्तारवाद की दिशा का एक वैध हथियार है चीन की डेट ट्रैप डिप्लोमसी. इसको इस्तेमाल करके चीन दुनिया भर के गरीब देशों पर कब्जा करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है. अब लाओस चीन की इस डेट ट्रैप डिप्लोमेसी के जाल में फंस गया है. अरबों डॉलर के चीनी कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में लाओस को अपना पावर ग्रिड चीन को देना पड़ गया है.
112 लाख हज़ार करोड़ का कर्जा
चीन ने पहले तो अपनी योजना पर अमल करते हुए लाओस से नकली दोस्ती का स्वांग रचा. उसके बाद जब चीन पर लाओस का विश्वास पक्का हो गया तो उसने लाओस को 112 लाख 50 हज़ार करोड़ का कर्जा दे दिया. लाओस यह अनुमान नहीं लगा सका कि इसके बदले में उसका कितना बड़ा नुकसान होने वाला है. अब हालत ये आ गई है कि अरबों डॉलर के चीनी कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में चीन के इस पड़ौसी देश को अपना पावर ग्रिड चीन की सरकारी कंपनी के नाम करना पड़ गया है.
डेढ़ सौ देशों को बांटा है कर्जा
चीन की डेट ट्रैप डिप्लोमसी अपनी पूरी रवानी पर है लेकिन चीन के लिए बुरी खबर ये है कि अब ये षड्यंत्र दुनिया के सामने आ चुका है. चीन दुनिया को अपने साजिशाना कर्ज का शिकार बना रहा है और एक के बाद एक दुनिया के गरीब देशों को अपने विस्तारवाद के जाल में जकड़ने की उसकी योजना लगातार आगे बढ़ रही है. दक्षिण अफ़्रीकी देशों की तरह अब लाओस भी चीन का नया शिकार बना है.
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