नई दिल्ली. भारत की शस्त्र-खरीद एक तीर से दो निशाने रणनीति है. जिनसे भारत हथियार ले रहा है उनसे संबंध सशक्त होंगे और जिनके खिलाफ ये शस्त्र खरीदे जा रहे हैं उनके लिए वे वार्निंग बनेंगे. भारत अमरीका सेअब अटैक ड्रोन और एक हज़ार पौंड के बम भी खरीदने जा रहा है.
लद्दाख सैन्य-गतिरोध ने भारत को जगाया
लद्दाख में चीन की बदतमीजी से भारत को फायदा ही हुआ है. इस दौरान उपजा गतिरोध देश के भीतर राष्ट्रभक्ति की लहर का कारण बना है. चीन की पहचान हुई और चीनी कंपनियों को लात मार कर देश से बाहर किया गया. भारत को होश आया कि उसे सामरिक शक्ति बनना होगा और उसके बाद भारत की सामरिक तैयारियों ने ज़ोर की अंगड़ाई ली है.
अमेरिका से करेगा ये शस्त्र खरीद भारत
चीन से टेंशन की वजह से भारत अब कोई खतरा नहीं उठाने वाला है. और शस्त्र की ये खरीद भी भारत उस देश से कर रहा है जो कि चीन का जानी दुश्मन है. भारत अमेरिका से अटैक ड्रोन विमान लेने जा रहा है. चीन के साथ चल रहे तनाव ने भारत को चौकस भी किया है और मजबूत भी. इस अटैक ड्रोन के साथ अमेरिका भारत को एक हजार पौंड के बम भी देने जा रहा है.
दक्षिण-एशियाई सामरिक संतुलन बढ़ेगा
अमेरिका भारत को जो हमलावर ड्रोन देगा वे एक हज़ार पौंड के बम अपने साथ ले जा सकते हैं. चीन से तनाव के इस दौर में इन घातक हथियारों के आने से भारतीय सेना की शक्ति बढ़ेगी और पाकिस्तान नेपाल जैसे पड़ौस के चंगू-मंगू देशों के लिए भारत की मजबूती चेतावनी बनेगी क्योंकि चीन भारत को उसके पड़ोसियों द्वारा ही घेरने की योजना पर काम कर रहा है.
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