दिल्ली: गरीबी और पैसे की किल्लत से गुज़र रहे बचपन ने उसके दिल में किसी तरह की भी भावनाओं को पहले ही खत्म कर दिया था. उस गुरबत की ज़िंदगी से बाहर निकलने के लिए उसने जो रास्ता आगे चलकर चुना था, वो बेहद खतरनाक था और मौत का सौदा करने लगी.
मासूम सी उम्र में जिसके हाथ बंदूक चलाते नहीं थर-थराए, जिसे खून देखकर घबराहट नहीं हुई. जिसे किसी की जान लेने के बाद मलाल तक नहीं हुआ, सोचिए वो कितनी ज़ालिम होगी. वो कितनी बेरहम होगी. वो कितनी शातिर होगी. ज़ुर्म की दुनिया में जो सबसे ज़हरीली रही है, जिसके नाम से शुरू होता है. गुनाह का ज़हरीला अफसाना उसकी किरदार है वो हसीना.
ग्रिसेल्डा ब्लांको- ड्रग्स की दुनिया का बड़ा नाम
उसका नाम था ग्रिसेल्डा ब्लांको. जिसके बचपन की शुरुआत कत्ल की वारदात से से शुरू हुई और फिर बचपन से जवानी की दहलीज़ पर कदम रखती कि 13 की उम्र में उसकी शादी एक ऐसे क्रिमिनल से हुई, जो छोटी मोटी वारदातों को अंजाम देता था. नाम था कार्लोस त्रुजिलो, उसका नकली पासपोर्ट बनाने का धंधा था, ग्रिसेल्डा ने भी पासपोर्ट बनाना सीख लिया था.
वो सत्तर का दशक था जब 27 साल की हो चुकी इस हसीना को गुरबत की ज़िंदगी से छुटकारे का एक तरीका सूझा और इसमें साथी बना उसके पति का दोस्त अल्बर्ट ब्रावो था. ये वही था जो खूबसूरत लड़कियों को ड्रग्स के बिज़नेस में लाता था. यह उसके क्राइम का एक हिस्सा था. सबसे पहले उसने अपने रास्ते में आनेवाले अपने पहले पति से छुटकारा पाया.
उसने अपना पति ख़ुद चुन लिया था और पहले पति के दोस्त अल्बर्ट ब्रावो के साथ नकली पासपोर्ट पर 1972 में कोलंबिया से अमेरिका के न्यूयॉर्क के क्विन्स में पहुंच गई.
अल्बर्ट ब्रावो के साथ मिलकर खड़ा किया नशे का साम्राज्य
हसीना की नजरों में औरतों की खूबसूरती वो हथियार थी जिससे वो अपने सपनों को जी सकती थी और गुरबत की ज़िंदगी को अलविदा कह सकती थी. अल्बर्ट ब्रावो के साथ मिलकर इस हसीना ने शुरू किया नशे का वो कारोबार जिससे वो बनने वाली थी अमेरिका की मोस्ट वॉन्टेड और कहलाने वाली थी तस्करों की रानी.
उसे और भी नाम मिलनेवाले थे जो तारीख में दर्ज होने वाले थे. ला मैड्रिना, द कोकेन गॉडमदर, द क्विन ऑफ नार्को ट्रैफिकिंग और द ब्लैक विडो. उसने कारोबार को फैलाने का सिलसिला शुरू किया. हर दिन नशे के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उसके शैतानी दिमाग में तरह-तरह के खुराफात जन्म लेते थे.
फीमेल अंडरगारमेंट्स को बना दिया ड्रग्स ट्रांसपोर्टेशन का जरिया
उसने नशे के कारोबार को फैलाना का ज़रिया बनाया खूबसूरती को सफेद ज़हर की काली सल्तनत को आगे बढ़ाने के लिए उसने जो तरीका निकाला. वो न केवल पुलिस की नज़रों से भी छिपा रहा. साथ ही उस जहर को दुनिया में फैलाने में भी सफल रहा. उसने फीमेल अंडरगारमेंट्स को ड्रग्स के ट्रांसपोर्टेशन का ज़रिया बना दिया.
वो कई तरह के प्लान के साथ काम रहे थे, उनके पास कई तरह के प्लान थे ताकि कोकीन को इस देश में आसानी से लाया जा सके और बिना किसी ऑथोरिटी की नज़र में आए हुए. उसकी ज़िंदगी में ऐशो-आराम आ चुका था. कोई नहीं जानता था कि उसका धंधा करने का अंदाज़ क्या है.
साम्राज्य फैलाने का निकाला अचूक उपाय
उसने न्यूयॉर्क के क्विन्स में एक बड़ा अपार्टमेंट ले लिया था. बच्चे अब बच्चे नहीं रह गए थे और अपनी मां के साथ धंधे में शामिल होने के लिए बेताब थे. नशे के कारोबार को पूरी दुनिया में सबसे छिपाकर कैसे फैलाना था. इसका उसने एक अचूक उपाय ढूंढ़ निकाला था. उसका काला साम्राज्य फैलने लगा और वो पुलिस के लिए एक गुमनाम चुनौती बनने लगी.
अमेरिका में बढ़ रहा था कोकिन का कारोबार
अमेरिका में कोकिन का कारोबार बढ़ रहा था. पुलिस ने 1975 में ऑपरेशन बांशी चलाया और ड्रग्स के ठिकानों पर रेड मारनी शुरू कर दी और पहली बार अमेरिकी ड्रग्स एंफोर्समेंट एजेंसी के सामने आया ग्रेसिल्डा ब्लांको का नाम. ब्लांकों के करीब 40 किंगपिन पकड़े गए, लेकिन पुलिस जब तक ब्लांको तक पहुंच पाती वो अपने दूसरे पति अल्बर्ट ब्रावो और बच्चों के साथ फरार हो गई. पहले कोलंबिया पहुंची और फिर वहां ये अमेरिका में अपना दूसरा ठिकाना मायामी को बनाया.
मायामी में ड्रग्स की एक रानी का दखल वहां के ड्रग कार्टेल को मंज़ूर न था और आए दिन वहां खूब खून-खराबा होने लगा. ग्रिसेल्डा ब्लांको का स्टाइल था चलती बाइक पर हत्यारे और जो हत्या को अंजाम देकर फरार हो जाते थे. मायामी के ड्रग कार्टेल्स ने बहुत ही जल्द ड्रग्स तस्करी की रानी के सामने घुटने टेक दिए और फिर हसीना की वो मुराद पूरी हुई जिसे वो सालों से दिल में लिए हुए थी.
एक आलीशान घर और उसनें ऐशो-आराम की हर एक चीज़. अब वह अमीर हो चुकी थी. इतनी अमीर कि अमेरिका में वो हर महीने 600 करोड़ का कोकिन बेचने लगी थी. गरीबी की ज़िंदगी को पीछे छोड़ सफेद ज़हर की मदद से वह अकूत संपत्ति की मालकिन बन चुकी थी.
अपने कारोबार व अपने बच्चों से था गॉडमदर को प्यार
अपने कारोबार और अपने बच्चों से उस गॉडमदर को सबसे ज्यादा मोहब्बत थी. इन सबके बीच में आने वाला कोई भी उसे बर्दाश्त नहीं था. किसी का खून बहाना और किसी का जान लेना, उस हसीना के लिए कोइ बड़ी बात नहीं थी और उसकी उस सनक ने उसे खुद उसके अपने बेटे का दुश्मन बना दिया.
जब ग्रिसेल्डा ने अपने बेटे उबर की ग्रर्लफ्रेंड के पिता को इसलिए मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि उसने उस हसीना के परिवार को ड्रग्स माफिया कह दिया था और ये बात उसके बेटे को चुभ गई.
जब बेटा ही बन गया उसका दुश्मन
अपनी शान में उसे कोई भी गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं थी, इसलिए उसने अपने बेटे की गर्लफ्रेंड के पिता को मौत के घाट उतार कर उस बेटे को अपना दुश्मन बना लिया जिसे वो सबसे ज्यादा चाहती थी, जिसे पढ़ा लिखा कर एक बड़ा शख्सियत बनाना चाहती थी. उसका बेटा उबर उसका दुश्मन बन चुका था.
एक तरफ नशा का कारोबार बढ़ रहा था तो दूसरी तरफ ब्लैकविडो की सरपरस्ती में अमेरिका की सड़कों पर खून, हसीना के पास पैसों का अंबार लगा रहा था और अमेरिका में जान की कीमत कम होती जा रही थी. ग्रिसेल्डा ज़हर के सौदे से अब लगभग 8 मिलियन डॉलर की कमाई हर हफ्ते कर रही थी और उसका नाम भी हर तरफ फैल रहा था. अमेरिका का कौन सा बिज़नेस था जिसमें उसने पैसा
नहीं लगाया.
70-80 के दशक में मायामी में शुरू हो गया था खून-खराबे का दौर
ग्रिसेंडा ब्लैंको की कमाई 8-10 मिलियन डॉलर हर हफ़्ते होने का अनुमान लगाया जा रहा था. इस वक्त वो कितने पैसे कमा रही थी. इसका अंदाज़ा लगा पाना किसी के बस की बात नहीं थी. उसके पास ज़ेवरातों का शानदार कलेक्शन था. जिसकी कीमत लाखों में थी. कई ज़ेवर तो दूसरे देशों से तैयार होकर आए थे. हज़ारों डॉलर तो वो रातों को पब और क्लब में पार्टी, शैंपेन और ड्रिंक्स में खर्च कर देती थी.
70 के दशक के आखिरी सालों और 80 के दशक की शुरुआत में मायामी में आए दिन खून खराबा हो रहा था और इस बीच में ड्रग्स की ये रानी ख़ुद भी कोकिन की लत में डूब चुकी थी. ये वो वक़्त था जब उसने अपने दूसरे पति को भी बेवफाई के लिए ठिकाने लगा दिया.
दो पतियों को मार कर बन गई ब्लैक विडो
अपने दोनों पतियों को मारने वाली ड्रग क्विन को नया नाम मिला- ब्लैक विडो. इसके बाद भी उसके जुर्म का सफर नहीं रूका. मायामी में उसके कारोबार का सबसे शातिर खिलाड़ी, आने वाले सालों में दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनने वाला था. नाम था पाबलो एस्कोबार.
पाब्लो सप्लाई करता था और ग्रेसेल्डा ड्रग्स का डिस्ट्रिब्यूशन करती थी, लेकिन ग्रिसेल्डा के काम करने का तरीका अलग था. ग्रिसेल्डा की ज़िंदगी में डेरियो स्पूलवेदा नाम के एक नए शख्स की एंट्री हो चुकी थी जो पाबलो का करीबी था.
गॉडमदर के नशे के कारोबार को संभालते थे तीनों बेटे
ग्रिसेल्डा चौथी बार मां बनी, लेकिन कोकिन के कारोबार को उसने धीमा नहीं पड़ने दिया. कुछ दिनों तक इन दोनों का रिश्ता तो ठीक चला लेकिन उस हसीना के अहम ने डेरियो स्पूलवेदा को भी उससे दूर कर दिया. गॉडमदर के नशे के कारोबार में अब उसके तीनों बेटे शामिल हो चुके थे और बढ़ चुकी थी खून की प्यास. किसी को भी कहीं मार देना इनके लिए अब आम बात हो चुकी थी.
मायामी के उस मॉल में जो घटना हुई थी उसने इस बीच टाउन को वॉर ज़ोन में बदल दिया. लोग न्याय चाहते थे.
वो हसीना अपने बेटों को सफेद ज़हर के काला कारोबार से जितना दूर रखना चाहती वो उतने ही करीब पहुंच गए. अब उसके तीनों बेटे उसके हुक्म की तामील करते थे और नशे के कारोबार को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन इस ड्रग्स गैंग को खत्म करने के लिए अब आवाज़ें भी बुलंद होने लगी थीं.
जब मुखबिरी करने के लिए कर दी पति की हत्या
अमेरिका में इस गैंगवार और नशे के खेल को खत्म करने के लिए आवाज़ें उठने लगीं और दूसरी तरफ पुलिस की चुनौती बढ़ रही थी. हालात ठीक नहीं थे लेकिन ग्रेसिल्डा ब्लांको को रोकने वाला कोई नहीं था, उसका तीसरा पति भले ही पुलिस का ख़बरी बन चुका था और ग्रेसिल्डा से हुए अपने बेटे माइकल ब्लांको को किडनैप करने की कोशिश में लगा था लेकिन इसकी ख़बर ब्लैक विडो तक पहुंच गई और फिर तीसरे पति डेरियो स्पूलवेदा का भी खेल खत्म कर दिया गया.
जनवरी 1982 में ड्रग्स के इस सिंडीकेट को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाने की ठानी जिसमें डीईए, एफबीआई, कस्टम और यूएस मिलिट्री के अधिकारियों ने मिलकर एक ऑपरेशन की शुरुआत की.
रोनाल्ड रीगन जिन्होंने ड्रग्स के नेक्सस को तोड़ने का उठाया बेड़ा
रोनाल्ड रीगन ने तब कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इस ड्रग्स के नेक्सस को तोड़ें, इसका मतलब साफ है कि उनका साम्राज्य खत्म करना है. उनका मुनाफ़ा खत्म करना है. उनके टीम के सदस्यों को जेल भेजना है.
इनवेस्टिगेटीव जर्नलिस्ट गरलेंड पोसनर की मानें तो रोनाल्ड रीगन ने मानों ड्रग्स माफिया के खिलाफ जंग छेड़ दी. सेंट्रल टास्क फोर्स को तैनात कर दिया गया. पूरा इलाका फेडरल एजेंटों से घिरा था. कई तरीकों से अब काम किया जा रहा था. यानि ये साफ था कि अगर फेडरल सरकार ये नहीं करती तो इस माफिया का अंत नहीं हो पाता.
आ चुका था खेल खत्म करने को वक्त
अब शायद वक्त बदल चुका था और लुका छिपी के इस खेल को खत्म करने का वक्त आ चुका था. वो पूरे अमेरिका में छापे मार रहे थे लेकिन ग्रिसेल्डा फिर भी अड़ी रही. पुलिस का ग्रिसेल्डा को पकड़ने का प्लान फिर फेल हो चुका था, वो हसीना अपने परिवार के साथ मायामी छोड़ चुकी थी.
ड्रग्स के कारोबार से जुड़े किरदारों की तलाश तेज़ हो गई. जगह-जगह छापेमारी चल रही थी, लेकिन वो गॉडमदर मायामी से गायब हो चुकी थी. ब्लैंकों के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा था.
लॉस एंजलिस में छिप गई थई ग्रिसेल्डा ब्लांको
एक तरफ पुलिस थी तो दूसरी तरफ ड्रग्स के कारोबार में शामिल दूसरे लोग जो ब्लैक विडो को अब तक अपने लिए खतरा मानते थे और जिसका धंधा इस हसीना ने खराब कर रखा था. इस बीच पुलिस को पता चलता है ग्रिसेल्डा और उसका परिवार लॉस एंजलिस में छिपे हैं. फिर क्या था. पुलिस पहुंच गई लॉस एंजलिस, जहां उनका पकड़ा जाना तय था.
ड्रग्स एनफोर्समेंट एजेंसी उसे लॉस एंजलिस में तलाश रही थी और वो कैलिफोर्निया के इरविन में थी. अपने छोटे बेटे के साथ. उसे पता था कि उसका अंत समय आ चुका है. ज़्यादा समय नहीं लगा और 17 फरवरी 1985 को ड्रग्स एनफोर्समेंट एजेंसी ने उसे गिरफ़्तार कर लिया.
200 से ज्यादा कत्ल का है इल्जाम
वैसे तो ये हसीना 200 से ज़्यादा क़त्ल की ज़िम्मेदार थी लेकिन इसके एक गुर्गे की गवाही पर इसे महज़ तीन कत्ल का दोषी पाया गया और ड्रग्स मामले के लिए 13 साल जेल की सज़ा हुई. जबकि मर्डर के मामले में फ्लोरिडा से 20 साल की सज़ा हुई. जेल में रहते हुए भी वो अपने ड्रग्स कार्टेल को चलाती रही लेकिन इसी बीच में उसके तीनों बेटे मारे गए.
वैसी मिली अंत, जैसे दूसरों के लिए करती थी मुकर्रर
साल 2004 में इस हसीना को अमेरिकी जेल से रिहाई मिली और अमेरिका ने उसे सीधा कोलंबिया भेज दिया. उसका एक ही बेटा बचा था माइकल ब्लांको. सज़ा काटने के बाद कहा जाता है कि वो धार्मिक ज़िंदगी जीने लगी थी और जुर्म का रास्ता छोड़ दिया था, लेकिन फिर वही हुआ जो गुनाह की दुनिया के हर किरदार के साथ होता है. उसे वैसी ही अंत मिली जो दूसरों के लिए वह मुकर्रर करती थी.
गुनाह की दुनिया में ज़िंदगी का सौदा कर उसने कुछ हसीन दिन तो बिताए लेकिन अंत उसे वैसी ही मिली, जैसा उसे दूसरों को देना पसंद था. अब वो हसीना इतिहास के पन्नों में एक किरदार भर है जिसके काले पन्नों का हर सच अब हर किसी की ज़ुबान पर है.