'घंटी' पर टिकी है इमरान खान की कुर्सी, अनोखी है पाकिस्तानी संसद की ये परंपरा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कुर्सी के साथ ही साथ उनका सियासी करियर भी खतरे में है. पाकिस्तान की संसद में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज से बहस शुरू हो रही है. 3 अप्रैल को वोटिंग का प्लान है, लेकिन क्या आप जानते है कि पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कैसे होगी है और कैसे एक घंटी इमरान खान की कुर्सी के लिए मुसीबत बन सकती है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Mar 31, 2022, 12:10 PM IST
  • इमरान खान के लिए खतरे की घंटी
  • पाकिस्तान में सियासत का इम्तिहान
'घंटी' पर टिकी है इमरान खान की कुर्सी, अनोखी है पाकिस्तानी संसद की ये परंपरा

नई दिल्ली: पाकिस्तान की संसद में इमरान खान के खिलाफ पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक बहस चलने वाली है, उसके बाद 3 अप्रैल को वोटिंग का प्लान है. इस बीच इमरान खान तरह-तरह की कोशिशें कर रहे हैं और अपनी अलग खिचड़ी पका रहे हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि एक घंटी से इमरान खान की कुर्सी का फैसला होने वाला है. 

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की प्रक्रिया
आपको बताते हैं कि कैसे पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जाती है.

नेशनल असेंबली में ओपेन वोटिंग होती है. वोटिंग से पहले सदन में घंटी बजती है. घंटी बजते ही सारे सांसद सदन में पहुंचते हैं. सांसदों के पहुंचते ही दरवाजे बंद हो जाते हैं. पक्ष में वोट करने वाले एक दरवाजे से निकलते हैं. विपक्ष में वोट करने वाले दूसरे दरवाजे से निकलते हैं. दोनों गेट से बाहर जाने वाले सांसदों की गिनती होती है.

हॉल खाली होने पर वोटों की गिनती पूरी हो जाती है. फिर से सभी सांसद दोबारा सदन में पहुंचते हैं. सांसदों के पहुंचने के बाद स्पीकर नतीजा बताते हैं.

सियासी खींचतान के आखिरी इम्तिहान
पाकिस्तान की सड़कों पर चार साल से चल रही सियासी खींचतान के आखिरी इम्तिहान का वक्त आ गया है. इमरान खान के पंद्रह लाख समर्थक उनकी कुर्सी बचा पाते हैं या विरोधियों के लाखों लाख समर्थक पाकिस्तान का नया सरदार चुनते हैं, इसका फैसला पाकिस्तान की संसद में होना है.

अब तक का गुणा-गणित देख कर ऐसी तस्वीरें सामने आई है कि एक तरफ तकरीबन 140 से आप-पास सांसद लेकर इमरान खान खड़े होंगे और दूसरी तरफ 200 से ज्यादा सांसद होंगे. इमरान को उम्मीद है कि आखिरी वक्त पर कुछ ऐसा होगा कि उनकी कुर्सी बच जाएगी.

विपक्ष चैलेंज कर रहा है कि सड़कों से लेकर संसद तक इमरान खान के पांव तले जमीन खिसकती जा रही है और तब इमरान खान पूरे पाकिस्तान को विदेशियों का पिट्ठू साबित करने पर तुल जाते हैं. इमरान ने कहा है कि इस क्राइसिस का ये है कि ये एक फॉरेन इम्पोर्टेड क्राइसिस है. ये पाकिस्तान के खिलाफ बाहर से साजिश है.

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वहीं PPP नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 'मगर वजीर ए आजम के पास कोई ऑप्शन नहीं रहा, वो वजीर ए आज़म नहीं रहा.' यदि पाकिस्तानी संसद में नंबर गेम का जिक्र करें, तो इसमें हर दिन बदलाव हो रहा है. इमरान खान के पास अब बहुमत का आंकड़ा नहीं बचा है. PTI के 155 सांसद हैं, लेकिन बुधवार को ही ये खबर आई कि इमरान के 22 सांसद विपक्षी दलों के साथ बैठक में शामिल हुए थे. ऐसे में इमरान के लिए अपनी कुर्सी बचा पाना लगभग नामुमकिन है.

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