नई दिल्लीः इस्लामिक जिहाद का समर्थन करने वाले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान के साथ मिलकर पाकिस्तानी पीएम इमरान आतंक की नई खिचड़ी पकाने में जुटे हैं. इमरान की इस साजिश के केंद्र में भी कश्मीर ही है, जहां लाख कोशिशों के बाद पाकिस्तान की दाल नहीं गल रही है.
पाकिस्तान के आतंकी घाटी में एंट्री से पहले जहन्नुम पहुंचा दिये जा रहे है.LOC पर पाकिस्तान के बनाए आतंकी कैंपों को हिन्दुस्तान अब सीधा निशाना बना रहा है. ऐसे में कश्मीर में जिहाद को हवा देने के लिये इमरान ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान से मदद मांगी...कहा कि आर्मेनिया की लड़ाई में शामिल होने वाले सीरिया के भाड़े के आतंकियों को तुर्की अब कश्मीर भेजे.
आतंकी कमांडर ने खोली मिशन 'टेरर कश्मीर' की पोल
घाटी में कोहराम मचाने के लिये रचे जा रहे इस आतंकी साजिश की पोल नहीं खुलती, अगर भाड़े के जेहादी आतंकियों का कमांडर मुहम्मद अबू अमशा ने सीरिया में इसका एलान नहीं करता.
कुर्दिश मीडिया में आतंकी कमांडर अबू अमशा ने कहा कि तुर्की सरकार के अधिकारियों मुझे और दूसरे जेहादी कमांडरों को ऐसे वॉलेंटियर्स की लिस्ट तैयार करने कहा है, जो कश्मीर जाना चाहते हैं. जो लोग कश्मीर जाने के लिये तैयार होंगे, उन्हें शुरू में दो हजार डॉलर दिया जाएगा.
अबू अमशा ने आतंकियों को ये कहते हुए कश्मीर चलने के लिये उकसाया...कि कश्मीर भी आर्मेनिया के नागोर्नो-काराबाख जैसा पहाड़ी इलाका है.
दरअसल आर्मेनिया-अजरबैजान की लड़ाई के दौरान तुर्की ने ही भाड़े के इन आतंकियों को नागार्नो -काराबाख में कत्लेआम मचाने भेजा था. सीरियाई नेशनल आर्मी के इन खूंखार आतंकियों को सीरिया की जंग के दौरान ही तुर्की ने इकट्ठा किया था.
'टेरर कश्मीर' के लिये सीरिया में जेहादियों की भर्ती
भाड़े के इन आतंकियों की भर्तियां अब कश्मीर में जेहाद के लिये की जा रही हैं. सीरिया के अजाज, जराबलुस, बाब और इदलिब इलाके इसके सेंटर बने हुए हैं.
पिछले दिनों ये खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान ने तुर्की के कहने पर आर्मेनिया की लड़ाई में आतंकियों का दस्ता अजरबैजान भेजा था. जेहादी इस्लाम के नाम पर आतंकियों को शह देने वाले एर्दोगान का इमरान लगातार समर्थन करते रहे हैं, बदले में कश्मीर पर तुर्की का समर्थन मांगते रहे हैं.
2019 में पाकिस्तान की इमरान सरकार ने तुर्की से नजदीकियां बढ़ानी शुरू की थी. इमरान ने तुर्की का दौरा कर वहां के राष्ट्रपति एर्दोगान से कहा कि इस्लामोफोबिया के नाम पर एकजुट हो रही दुनिया के खिलाफ हमें इस्लामिक देशों को एकजुट होने की जरूरत है.
आतंक की यारी पाकिस्तान को पड़ेगी भारी
तुर्की और पाकिस्तान की आतंक की यारी में कट्टर इस्लाम के अलावा लालच का गठजोड़ भी है. हिन्दुस्तान के खिलाफ आतंकी मदद के लिये पाकिस्तान ने तुर्की के सामने हथियारों की खरीद का चारा डाला. तो वहीं तुर्की ने इसे साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर अपने सैन्य कब्जे को दुनिया की मंजूरी दिलाने का बढ़िया मौका समझा. तुर्की चाहता है कि पाकिस्तान साइप्रस में उसके अवैध कब्जे को मान्यता दिलाने की जमीन तैयार करे.
घाटी में आतंक को शह देने के लिये इमरान ने तुर्की को झांसे में जरूर रखा है. लेकिन वो भूल गए कि पाकिस्तान इससे पहले तालिबान के आतंक को इसी तरह शह देकर अपना घर बुरी तरह जला चुका है. कश्मीर में आतंक की एंट्री तो हिन्दुस्तान यकीनन रोक लेगा, लेकिन पाकिस्तान जिन आतंकियों को मेहमान बनाकर अपने घर बुला रहा है, वो अगर बेलगाम हुए तो पाकिस्तान को कौन बचाएगा.
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