भारतीय मूल की नवविवाहिता एनी के हत्यारे को मिला पैरोल, गुस्से में परिवार, जानें मामला

टोंगो ने कथित तौर पर एनी के पति श्रीएन दीवानी के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया था. स्वीडन की नागरिक एनी ब्रिटिश व्यवसायी से शादी के कुछ दिनों बाद केप टाउन में एक टैक्सी में मृत पाई गई थी. पैरोल बोर्ड ने कहा कि 18 साल की सजा में से 11 साल जेल में काटने के साथ ही टोंगो ने पुनर्वास की सभी निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा किया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 19, 2022, 10:17 AM IST
  • वर्ष 2010 में हनीमून पर गई दीवानी की केप टाउन में हत्या कर दी गई थी
  • सुधार सेवा विभाग ने कहा कि हत्या के दोषी ने न्यूनतम सजा पूरी कर ली थी
भारतीय मूल की नवविवाहिता एनी के हत्यारे को मिला पैरोल, गुस्से में परिवार, जानें मामला

जोहानिसबर्ग: भारतीय मूल की नवविवाहिता एनी दीवानी के परिवार ने दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों द्वारा उसके हत्यारे को दी गई पैरोल की निंदा की है. वर्ष 2010 में हनीमून पर गई दीवानी की केप टाउन में बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी. सुधार सेवा विभाग ने कहा कि हत्या के दोषी जोला टोंगो ने निर्धारित न्यूनतम सजा पूरी कर ली थी, जिससे वह रिहा होने के योग्य था.

पति श्रीएन दीवानी पहले ही बरी
टोंगो ने कथित तौर पर एनी के पति श्रीएन दीवानी के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया था. स्वीडन की नागरिक एनी ब्रिटिश व्यवसायी से शादी के कुछ दिनों बाद केप टाउन में एक टैक्सी में मृत पाई गई थी. पैरोल बोर्ड ने कहा कि 18 साल की सजा में से 11 साल जेल में काटने के साथ ही टोंगो ने पुनर्वास की सभी निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा किया है. 

मुकदमे के दौरान टोंगो ने शुरू में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन बाद में उसने अदालत को बताया कि श्रीएन दीवानी ने उसे अपनी पत्नी की हत्या करने और इसे अपहरण की घटना की तरह दिखाने के लिए 15,000 रेंड का भुगतान किया था. उसके बाद टोंगो ने अपहर्ताओं मजीवामादोदा क्वाबे और जोलिले मेन्गेनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी. क्वाबे को दोषी मानते हुए 25 साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जबकि मन्गेनी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. श्रीएन दीवानी, जिसे ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किया गया था, उसे बाद में केप टाउन उच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. 

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पैरोल के फैसले को ‘‘एक गंभीर भूल’’ बताया
एनी के परिवार ने पैरोल के फैसले को ‘‘एक गंभीर भूल’’ बताया और कहा कि इससे एक अपराधी को समाज में वापस आने की अनुमति होगी. एनी के चाचा अशोक हिंदोचा ने फोन पर रेडियो स्टेशन ‘702’ को बताया, ‘‘पैरोल एक बहुत मजबूत संदेश दे रहा है कि लोगों को आगे बढ़कर अपराध करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि दक्षिण अफ्रीका में अपराध दर को कम करने का यह सही तरीका है. इसके विपरीत, यह वास्तव में लोगों को अपराध करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.’’ हिंदोचा ने कहा कि उनके परिवार के साथ दक्षिण अफ्रीका की न्याय प्रणाली ने विश्वासघात किया है और वे निराश हैं.

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