इजरायली हमले में तबाह हुई गाजावासियों की जिंदगी, खाना-दवा भी नहीं हो रही नसीब

गाजा में लगभग 64 प्रतिशत लोगों को खाद्य असुरक्षित माना जाता है, जिसका अर्थ है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में भोजन तक विश्वसनीय पहुंच नहीं है. इजरायली हमले के बाद यह स्थिति और भी बदतर होती जा रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 13, 2023, 07:25 PM IST
  • इजरायली हमले से हालात बदतर.
  • गाजावासियों तक नहीं पहुंच पा रही सुविधाएं.
इजरायली हमले में तबाह हुई गाजावासियों की जिंदगी, खाना-दवा भी नहीं हो रही नसीब

सैन डिएगो. बीते कुछ दिनों से जारी इजरायली हमलों ने गाजा पट्टी में आम लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित की है. अंतरराष्ट्रीय सहायता समूह चेतावनी दे रहे हैं कि वे गाजा पट्टी में लोगों को भोजन और अन्य बुनियादी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं और एक बड़ा मानवीय संकट बदतर होने जा रहा है. इज़राइल ने 10 अक्टूबर, 2023 को गाजा के 23 लाख निवासियों को भोजन, ईंधन और अन्य आपूर्ति की अनुमति देना बंद कर दिया और कथित तौर पर जमीनी आक्रमण की तैयारी कर रहा है.

समस्या का सामना कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय सहायता समूह
अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूह अब गाजा में उसी समस्या का सामना कर रहे हैं जिसका स्थानीय व्यवसायों और निवासियों को लगभग 16 वर्षों से करना पड़ रहा है. एक नाकाबंदी जो व्यक्तियों और दवाओं जैसी वस्तुओं को लगभग 25 मील लंबे क्षेत्र में आसानी से अंदर या बाहर जाने से रोकती है. 16 बरसों से लागू यह नाकाबंदी उस भोजन और ईंधन पर लागू नहीं होती थी जो समूह गाजा में लाते थे. अब, यह उसपर भी लागू होती है.

काफी हद तक विदेश मदद पर निर्भर है गाजा पट्टी
गाजा काफी हद तक विदेशी सहायता पर निर्भर है. यह आंशिक रूप से हमास के राजनीतिक सत्ता में आने के एक साल बाद, 2007 में इज़राइल द्वारा गाजा के आसपास स्थायी हवाई, भूमि और समुद्री नाकाबंदी स्थापित करने का परिणाम है. इज़राइल ने लगभग 17,000 गाजा निवासियों को इज़राइल में प्रवेश करने और काम करने की अनुमति दी है, गाजा में लोग जिस भोजन, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति का उपयोग करते हैं वह पहले इज़राइल से होकर जाती है.

बढ़ती ही जा रही हैं मुश्किलें
गाजा में लगभग 64 प्रतिशत लोगों को खाद्य असुरक्षित माना जाता है, जिसका अर्थ है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में भोजन तक विश्वसनीय पहुंच नहीं है. गाजा के कुल आयात में खाद्य पदार्थों की मात्रा 2005 के बाद से 50 प्रतिशत तक बढ़ गयी है, जब इज़राइल ने पहली बार अस्थायी नाकाबंदी लगाई थी. और तब से वेस्ट बैंक और गाजा द्वारा उत्पादित भोजन की मात्रा में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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