जापान की महिला पत्रकार ने जीती 'मी टू' की लड़ाई

मी टू के इस मामले ने जापान और विदेश में सुर्खियां बटोरी थीं. 30 वर्षीय शिओरी जापान में ‘मी टू’ अभियान की मुखर आवाज बन गईं थीं, जहां यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ आंदोलन को अपनी जमीन बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 19, 2019, 07:18 AM IST
जापान की महिला पत्रकार ने जीती 'मी टू' की लड़ाई

नई दिल्लीः राजधानी टोक्यो की एक अदालत ने बुधवार को पत्रकार शिओरी इतो को ‘मी टू’ के हाई प्रोफाइल मामले में 30,000 डॉलर (करीब 21 लाख रुपये) मुआवजा देने का आदेश दिया. शिआरो ने जापान में चले ‘मी टू’ अभियान के दौरान प्रधानमंत्री शिंजो आबे के करीबी और टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.

टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर नोरियुकी यामागुची से मांगा मुआवजा
मी टू के इस मामले ने जापान और विदेश में सुर्खियां बटोरी थीं. 30 वर्षीय शिओरी जापान में ‘मी टू’ अभियान की मुखर आवाज बन गईं थीं, जहां यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ आंदोलन को अपनी जमीन बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. उन्होंने प्रधानमंत्री शिंजो आबे से नजदीकी संपर्क रखने वाले टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर नोरियुकी यामागुची से 1,00,000 डॉलर (करीब 71 लाख रुपये) का मुआवजा मांगा था. 

2015 में लगाया था आरोप
शिआरो का आरोप था कि 2015 में यामागुची ने नौकरी का झांसा देकर उन्हें खाने पर बुलाया और दुष्कर्म किया. यामागुची लगातार इन आरोपों से इनकार करते रहे और शिओरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराते हुए 13 करोड़ येन मांगे थे. फैसला आने के बाद शिओरी ने अदालत के बाहर कहा कि हम जीत गए. जवाबी वाद निरस्त कर दिया गया. बता दें कि 2017 के एक सरकारी सर्वेक्षण के मुताबिक, जापान में दुष्कर्म पीड़िताओं का अपराध  सूचना पुलिस को देना असाधारण बात है. यहां केवल चार प्रतिशत महिलाएं अपने साथ हुए दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराती हैं. 

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भारत में भी चला था 'मी टू' अभियान
'भारत में भी 'मी टू' अभियान ने काफी जोर पकड़ा था. इस अभियान में कई प्रमुख हस्तियों के  नाम आए थे. बॉलिवुड से राजनीति तक के कई चेहरों की पोल खिली थी. इसमें सबसे अधिक जरूरी और चर्चित नाम था आलोकनाथ का, जिन्हें टीवी व फिल्मों के लोग संस्कारी मानते थे. अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने मी टू के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. विदेश राज्यमंत्री को 'मी टू' अभियान के कारण ही कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी. 'मी टू' की शुरुआत दक्षिणी अफ्रीका से 2006 में हुई थी. 

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