कुलभूषण को मिल सकता है सिविल कोर्ट में अपील का मौका, पाक बदलेगा नियम

अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के आधार पर जाधव को सैन्य अदालत में अपील का मौका मिलेगा. पाकिस्तान इसके लिए सैन्य कानूनों में भी बदलाव करेगा. पाक सरकार इसके लिए कदम उठा रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 13, 2019, 05:53 PM IST
कुलभूषण को मिल सकता है सिविल कोर्ट में अपील का मौका, पाक बदलेगा नियम

नई दिल्लीः तकरीबन दो साल से पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कुछ राहत मिल सकती है. क्योंकि उन्हें सिविल कोर्ट में अपील का मौका मिलेगा. पाकिस्तान की मीडिया में प्रकाशित खबरें इस बात की ताकीद कर रही हैं कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के आधार पर जाधव को यह मौका दिया जाएगा. पाकिस्तान इसके लिए सैन्य कानूनों में भी बदलाव करेगा. पाक सरकार इसके लिए कदम उठा रही है. 

सैन्य कानूनों में होगा बदलाव 
कुलभूषण जाधव को सिविल कोर्ट में अपील का मौका देने के लिए पाक सरकार को अपने सैन्य कानून में बदलाव की पहल करनी होगी. दरअसल, पाकिस्तान में ऐसे केस जो सैन्य अदालतों में सैन्य कानूनों के तहत चलाए जाते हैं, उनमें सिविल कोर्ट में अपील की गुंजाइश नहीं होती है. किसी भी व्यक्ति या संगठन को सिविल कोर्ट में अपील का अधिकार नहीं है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद कुलभूषण जाधव को यह छूट मिल सके, इसके लिए कानूनों में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद इसी साल सितंबर में कुलभूषण जाधव से भारतीय राजनयिकों की मुलाकात हुई थी. हालांकि, पहली मुलाकात के बाद पाकिस्तान ने कह दिया था कि दूसरी बार जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दी जाएगी. जुलाई में आईसीजे ने अपने फैसले में बिना देरी के जाधव को राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया था. जाधव को सितंबर में राजनयिक पहुंच दी गई, लेकिन पाकिस्तान ने इस दौरान भी सामान्य शिष्टाचार का ख्याल नहीं रखा. मुलाकात की जगह ऐन मौके पर बदल दी गई और किसी अज्ञात जगह पर मुलाकात की गई.

पाक के इस झुकाव की वजह क्या है
इस झुकाव के पीछे अंतरराष्ट्रीय अदालत का बीते दिनों दिया गया फैसला है, साथ ही पाकिस्तान के लिए की गई एक टिप्पणी है. यूएन में अंतरराष्ट्री अदालत ने कहा था कि कुलभूषण मामले में पाकिस्तान मे वियना संधि का उल्लंघन किया है. आईसीजे के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस मुद्दे से जुड़े फैसले पर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया और इस मामले में उचित उपाय नहीं किए. 

वियना संधि के तहत इसे मानने वाले देश पर दूसरे देश के राजनयिकों को किसी भी कानूनी मामले में गिरफ्तार करने व हिरासत में लेने पर पाबंदी है. इसके आर्टिकल 36 में प्रावधान है कि देश किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार करता है तो संबंधित देश के दूतावास को तुरंत सूचना दी जाएगी. कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत इस मामले को आईसीजे में ले गया था. 

एक और सुप्रीम फैसला. RTI के दायरे में मुख्य न्यायधीश का कार्यालय

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