खतरे में हैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यक, ख़ास कर हिन्दू और ईसाई

पहले भी पकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमलों की ख़बरें सुर्खियां बनती रही हैं, अब यूनाइटेड नेशंस की हालिया रिपोर्ट पर ने इस पर बाकायदा मुहर लगा दी है..  

Last Updated : Dec 15, 2019, 06:00 PM IST
    • इमरान सरकार में हिंदू-ईसाइयों पर खतरा ज़्यादा
    • जबरन कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन
    • पुलिस और क़ानून व्यवस्था कर रही है भेदभाव
    • अल्पसंख्यकों की बच्चियों का हो रहा है अपहरण
    • अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को ज़्यादा बनाया जा रहा है निशाना
खतरे में हैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यक, ख़ास कर हिन्दू और ईसाई

न्यूयॉर्क. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का अस्तित्व खतरे में है, इस बात की जानकारी दी है संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट ने. इस रिपोर्ट के अनुसार अल्पसंख्यकों पर हमले के लिए कट्टरपंथी विचार जिम्मेदार हैं और इस कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रही है पकिस्तान की सरकार.

क्या कहती है यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट 

यूएन की हालिया रिपोर्ट ने न केवल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अस्तित्व पर मंडराते संकट के संकेत दिए हैं बल्कि उसमें सीधे-सीधे इमरान खान की सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. 
रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों में तेजी देखी गई है. क़ानून व्यवस्था की जिम्मेदार पाकिस्तान सरकार बजाये इस स्थिति पर नियंत्रण करने के, इसको बढ़ावा दे रही है.

इमरान सरकार में हिंदू-ईसाइयों पर खतरा ज़्यादा 

यूनाइटेड नेशंस से जारी हुई इस रिपोर्ट में पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के भावी अस्तित्व पर खतरा और बढ़ गया है. ख़ास तौर पर हिन्दू और ईसाई नागरिकों पर पाकिस्तानी कटटरपंथियों के हमले बढ़ गए हैं. 

जबरन कराया जा रहा है धर्म-परिवर्तन 

रिपोर्ट बताती है कि इन हमलों के पीछे मूल कारण मजहबी नफरत है जिसकी आड़ में धर्म-परिवर्तन कराने की घटनाएं बढ़ रही हैं. जान और माल के खतरों से घिरे पाकिस्तानी अल्पसंख्यक धर्म-परिवर्तन के लिए मजबूर किये जा रहे हैं. अल्पसंख्यकों के धर्म-परिवर्तन के सबसे अधिक मामले सिंध और पंजाब प्रांत में देखे गए हैं. 

पुलिस और क़ानून व्यवस्था कर रही है भेदभाव

बहुसंख्यक नागरिकों में उभर कर सामने आये मजहबी उन्माद ने अल्पसंख्यकों का जीना मुहाल कर दिया है और बदतर हालत ये है कि पाकिस्तानी सरकार भी ऐसे तत्वों का साथ दे रही है. पुलिस और क़ानून व्यवस्था पीड़ित अल्पसंख्यकों के साथ धार्मिक भेदभाव कर रही है इसलिए हालात और खराब हो रहे हैं. 

अल्पसंख्यकों की बच्चियों का हो रहा है अपहरण 

अल्पसंख्यकों पर हमले के साथ ही उनकी बच्चियों को भी अपहरण का शिकार बनाया जा रहा है. अपहरण कर इन बच्चियों का धर्म-परिवर्तन करा दिया जाता है.रिपोर्ट के अनुसार हर साल पाकिस्तान में सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक बच्चियों को अगवा किया जा रहा है. अलग सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के अनुसार इन बच्चियों को बलात्कार तथा मान-वतस्करी का शिकार भी बनाया जा रहा है. 

अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को ज़्यादा बनाया जा रहा है निशाना 

रिपोर्ट में हिन्दू और ईसाई अल्पसंख्यकों को सबसे अधिक खतरे के घेरे में बताया गया है और इन दोनों समुदाय की महिलाओं पर हमलों के साथ बलात्कार किये जाने और अगवा किये जाने के बहुत मामले सामने आ रहे हैं. इन महिलाओं का धर्म-परिवर्तन करके उनका निकाह मुस्लिम युवकों से करा दिया जाता है जिसके बाद उनकी घर-वापसी लगभग नामुमकिन हो जाती है. 

डराती है यूएन कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेन (सीएसडब्ल्यू) की रिपोर्ट 

यूएन की कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेन (सीएसडब्ल्यू) की रिपोर्ट ने सीधे-सीधे इसके लिए इमरान खान सरकार को अपराधी ठहराया है. रिपोर्ट के अनुसार इमरान की सरकार अल्पसंख्यकों पर हमले के लिए कट्टरपंथी विचारों को शह देती है. कमीशन की इस 47 पन्नों वाली इस रिपोर्ट का नाम  'पाकिस्तान: धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला' रखा गया है. 

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