भारी जुर्माना लगने से बर्बादी की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान

पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने 5.8 बिलियन डॉलर का भारी भरकम जुर्माना लगाया है. जो उसकी बर्बादी का कारण बन रहा है. इस जुर्माने की माफी के लिए इमरान खान गिड़गिड़ा रहे हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 8, 2020, 08:19 AM IST
    • पाकिस्तान पर इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल का बड़ा जुर्माना
    • ऑस्ट्रेलियाई कंपनी से किया हुआ वादा तोड़ा
    • पाकिस्ता पर लगा 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना
भारी जुर्माना लगने से बर्बादी की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ना केवल आतंकवाद को बढ़ावा देता है. बल्कि झूठा और मक्कार भी है. पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया से किया हुआ अपना एक करार एकतरफा रद्द कर दिया है. जिसकी वजह से उसपर भारी जुर्माना लगाया गया है.

जुर्माने के डर से सहमा पाकिस्तान 

पाकिस्तान (Pakistan) को डर है कि अगर उसने 5.8 अरब डॉलर जुर्माने का भुगतान किया तो उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो जाएगी. इसलिए वह इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल (International Tribunal) के आगे गिड़गिड़ा रहा है. ट्रिब्यूनल ने पाकिस्तान पर 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान का कहना है कि यदि वह इतनी बड़ी रकम का भुगतान करता है, तो कोरोना (CoronaVirus) महामारी से निपटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

पाकिस्तान की GDP का 2 फीसदी है जुर्माना

इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने यह जुर्माना ऑस्ट्रेलियाई कंपनी का खनन पट्टा रद्द करने पर लगाया है. अपनी GDP के लगभग दो फीसदी के बराबर के जुर्माने की बात सुनकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के होश उड़ गए हैं. उन्होंने जुर्माना न वसूलने के लिए गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया है.

ये है विवाद की जड़

 पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत का रेको डीक (Reko Diq) जिला सोने और तांबे सहित दूसरी अन्य खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है. इमरान सरकार इसे अपनी एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति मानती है. सरकार ने टेथयॉन कॉपर (Tethyan Copper Corp) कंपनी को दिए गए खनन पट्टे को रद्द कर दिया था, जिसकी वजह से उस पर जुर्माना लगाया गया है. टेथयॉन कॉपर में बैरिक गोल्ड कारपोरेशन ऑफ ऑस्ट्रेलिया और चिली की एंटोफगस्टो पीएलसी की बराबर की हिस्सेदारी है. पाकिस्तान ने व‌र्ल्ड बैंक इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट डिस्प्यूट (World Bank’s International Centre for Settlement of Investment Disputes) से जुर्माना न वसूलने की अपील की है, जिस पर विचार किया जा रहा है.

लालच में आ गया पाकिस्तान
बलूचिस्तान सरकार (Balochistan government) ने खदान को विकसित करने के लिए अपनी स्वयं की एक कंपनी बनाई है. चूंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं, इसलिए स्थानीय सरकार मौके का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहती है.  स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान ने कंपनी से वैकल्पिक समाधानों पर चर्चा की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. पाक अधिकारियों ने कहा कि वे प्रत्यक्ष रूप से किसी के संपर्क में नहीं हैं और कोई विशेष समझौता नहीं किया गया है.

वादाखिलाफ है इमरान सरकार

ऑस्ट्रेलिया की जिस कंपनी टेथियान से पाकिस्तान ने समझौता किया था. उसकी वेबसाइट के मुताबिक रेको दीक माइनिंग प्रोजेक्ट में लगभग 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से एक विश्वस्तरीय तांबा-सोने की खुली खदान का निर्माण होना था. कंपनी ने कहा कि यह परियोजना बलूचिस्तान और पाकिस्तान में खनन और खनन क्षेत्रों में आगे निवेश के लिए एक उदाहरण साबित हो सकती थी. लेकिन पाकिस्तान की वादाखिलाफी के कारण यह हो नहीं पाया. 

ये भी पढ़ें--400 आतंकियों की घुसपैठ का पाकिस्तानी प्लान! हिंदुस्तान करेगा नाकाम

 

 

ट्रेंडिंग न्यूज़