पाकिस्तान में रोटी के पड़े लाले, बौराए मंत्रियों के हवाले हुकूमत!

पाकिस्तान की आवाम रोटी के लिए भी तरसने को मजबूर हो गई है. और उसके हुक्मरान और वजीर-ए-आला इमरान खान मजे लूट रहे हैं. इमरान ने नया पाकिस्तान बनाने का नारा देकर सरकार बनाया था, लेकिन उनका नया पाकिस्तान अगर ऐसा है, तो उनकी खटिया खड़ी होनी तय है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Nov 14, 2019, 06:37 AM IST
    1. पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने विस्फोटक रूप ले लिया है
    2. पाकिस्तान की आवाम रोटी के लिए मोहताज हो गई है
    3. लाहौर प्रशासन ने एक तुगलकी फ़रमान सुनाया है
पाकिस्तान में रोटी के पड़े लाले, बौराए मंत्रियों के हवाले हुकूमत!

नई दिल्ली: पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने विस्फोटक रूप ले लिया है. क्या सब्जी- दाल या क्या दूध-पेट्रोल सबके दाम इमरान सरकार आने के बाद से बेतहाशा बढ़े हैं. चिकन-मटन का भाव तो ऐसे ही आसमान छू रहा है. लेकिन अब पाकिस्तान की अवाम को रोटी के लाले पड़ गए हैं.

इमरान 'तुमसे ना हो पाएगा'!

पाकिस्तान की आवाम रोटी के लिए मोहताज हो गई है तो इन सबके पीछे इमरान की हुकूमत और उसके नाकाबिल मिनिस्टर्स हैं, जो ना सिर्फ अवाम का खून चूसने वाले अफलातूनी कानून पास करते हैं. बल्कि इसके ऊपर से उनका मजाक भी उड़ाते हैं. वहां लोगों को रोटी क्यों नसीब नहीं हो रही है, इसकी सबसे बड़ी वजह महंगाई है. दरअसल आसमान छूती महंगाई में चीजों के दाम कम कैसे हों, इस पर माथापच्ची करने के बजाए लाहौर प्रशासन ने एक तुगलकी फ़रमान सुनाया है. जिसके तहत आटा-चक्की मालिकों को 42 रुपए प्रति किलो आटा बेचने का आदेश दिया गया. अब ये आदेश चक्की मालिकों पर भारी पड़ रहा है.

नामुमकिन सा है इसका पालन

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि चक्की मालिकों को गेहूं की खरीद ही 48 से 49 रूपये पड़ रहे हैं, ऐसे में वो आटा भला 42 रूपये में कैसे बेंच सकते हैं. इमरान सरकार का ये तुगलकीपन उनके दीवालियापन का सबसे बड़ा उदाहरण है. पाकिस्तान के लाहौर में ये बात सिर्फ आदेश तक सीमित नहीं है. बल्कि इस आदेश की तामील ना करने वाले चक्की मालिकों की धड़-पकड़ हो रही है, उनकी चक्कियां सील की जा रही हैं और उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है. ऐसे में भला कौन मिल मालिक अपनी तरफ़ से पैसे लगाकर घाटे का रोजगार करेगा.

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लाहौर की सारी आटा चक्कियों ने हड़ताल कर दी है, अब आटा का बचा-खुचा स्टॉक खत्म होते हीं अवाम को रोटी नसीब नहीं होगी. पहले ही सब्जियों के भाव आग लगा रहे हैं. 250 से 300 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. अदरक का भाव भी 500 रुपए किलो है. शिमला मिर्च से लेकर दालें और मटन चिकन सब आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं. 

बौरा गए इमरान के मंत्री

जनता की परेशानी समझने के बजाए इमरान कैबिनेट के मंत्री, इस महंगाई में भी जनता का मजाक उड़ाने में लगे हैं. पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री अब्दुल हफीज शेख कहते हैं कि टमाटर तो 17 रुपए मिल रहे हैं. तो दूसरे मंत्री इस्माइल राहू फसलों पर टिड्डियों के हमले का उपाय करने की बजाए, बड़ी बेशर्मी से टिड्डी बिरयानी खाने की सलाह देते फिर रहे हैं. यानी ये कहना गलत नहीं है कि इमरान खान के मंत्री बौरा कर ऐसी अजीबो-गरीब बयानबाजी कर रहे हैं.

जब हुकूमत में ऐसे मिनिस्टर्स बैठे हों, तो अवाम का खुदा ही मालिक है. लोगों की परेशानियों में उनके साथ ना होकर उनका मजाक उड़ाने वाले ऐसे मिनिस्टर्स के बढ़ावे पर ही अब आटा चक्की मालिकों के खिलाफ एक्शन लेकर अवाम की मुसीबत को और बढ़ाई जा रही है. पाकिस्तान के लाहौर में अगर मिल मालिकों की ये हड़ताल लंबी चली तो अवाम को भूखों मरने की हालत से गुजरना पड़ेगा.

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इमरान खान ने कंगाल होते पाकिस्तान की ये हालत कर दी कि अब अवाम रोटी को तरस रही है. नए पाकिस्तान का वादा कर सत्ता की सीढ़ी चढ़ने वाले इमरान ने अपने साल भर से ज्यादा की हुकूमत में ही पाकिस्तान को कंगाल बना दिया है. अवाम महंगाई से जूझ रही है तो देश कर्ज लेकर कर्ज उतारने वाली इकोनॉमी बन चुका है. इसीलिए अब पाकिस्तान की जनता भी कहने लगी है तुमसे ना होगा इमरान.

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