नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी भयानक महामारी से जंग लड़ रही है. इसी बीच दुनिया के दो कट्टरपंथी मुल्क पाकिस्तान और तुर्की भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश रचने की फिराक में हैं. इमरान खान और इस्लामिक जगत का खलीफा बनने की कोशिश में जुटे तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने भारत के खिलाफ साजिश रचते हुए पीओके में नया प्लान तैयार किया है.
इन दोनों मुल्कों ने पाक अधिकृत कश्मीर की ओर अपनी निगाहें कर ली हैं. चालबाज चीन की शह पर दोनों मुल्कों ने मिलकर दुनिया को कट्टरता की आग में झोंक दिया है. कई देशों की भूमि से कोई सरोकार ना होते हुए भी आतंकियों को वहां भेजने से लेकर हथियारों की सप्लाई तक तुर्की और पाकिस्तान ने की. उन्होंने ऐसा सिर्फ और सिर्फ इस्लामिक जगत में अपना दबदबा और रसूख कायम रखने के लिए किया.
पीओके में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है तुर्की
अब इसी नापाक मंसूबे को इमरान और एर्दोगन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में अंजाम देने में जुटे हैं. ये वो वैश्विक षड्यंत्र है जिसका मकसद गाजा से लेकर पीओके तक कट्टरता की आग में अमन और चैन को झुलसाना है.
दरअसल, खुलासा हुआ है कि तुर्की ने पीओके में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देना शुरू कर दिया है. जी मीडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस मकसद की आड़ में तुर्की पीओके में टूरिज्म सेक्टर से लेकर पावर प्रोजेक्ट में निवेश कर रहा है.
तुर्की की मौजूदगी भारत के लिए चिंता का विषय
कुल मिलाकर ये सारी कवायद हिन्दुस्तान के लिए फिक्र का सबब है क्योंकि अव्वल तो पीओके पर पाकिस्तान का कब्जा है. ऐसे में किसी बाहरी देश को हमारी जमीन पर किसी भी कीमत पर दखल देने का हक नहीं है.
लेकिन सच ये है कि जिस तरह नागोर्नो-काराबाख तुर्की के विस्तार का लक्ष्य था. वहीं जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक शासन की स्थापना खलीफा बनने की तमन्ना रखने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन की मंशा है. बेशक ये खुलासा हुआ है कि तुर्की पीओके में दखल दे रहा है.
नागोर्नो-काराबाख की तरह कश्मीर में खून-खराबे की है साजिश
इस घुसपैठ की हद मुमकिन है कि आतंकियों के जरिये कश्मीर में भी नजर आए. हालांकि, इससे पहले खुलासा हो चुका है कि पाकिस्तान की शह पर आर्मीनिया के नागोर्नो-काराबाख की तरह जम्मू-कश्मीर में खूनखराबे की नापाक साजिश रच रहे तुर्की ने 100 सीरियाई हत्यारों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है.
तुर्की की खुफिया सेवा इन आतंकियों को देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित मेर्सिन शहर में प्रशिक्षण दे रही है. ये सभी किराए के हत्यारे हैं जो नागोर्नो-काराबाख और लीबिया की जंग में हिस्सा ले चुके हैं.
तुर्की को भारी पड़ेगी भारत के आंतरिक मसले में दखलंदाजी
हमास की तरफदारी करने वाले तुर्की और पाकिस्तान को ये बात अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि हिन्दुस्तान के आंतरिक मामलों में इस तरह की दखलअंदाजी का वही अंजाम होगा जो इनसे आर्थिक और सैन्य मदद लेने वाले हमास का हुआ. जिस तरह इजरायल ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हजारों मिसाइलें बरसाने वाले हमास को तबाह और बर्बाद कर दिया वैसा ही शौर्य हिन्दुस्तान दिखा सकता है.
अपनी आवाम को गुमराह कर रहे हैं इमरान
पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक कई पुरानी और बड़ी मिसालें पाकिस्तान के सामने हैं. ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान इस सच से वाकिफ नहीं है लेकिन वो अपनी आदत से बाज इसलिए नहीं आ रहा क्योंकि वो अपने देश की आक्रोशित जनता को भी कट्टरपंथ का जहर दे कर गुमराह करना चाहता है. और तुर्की इस नापाक मकसद में उसका साथ दे रहा है.
कंगाल हो चुका है पाकिस्तान
पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान कंगाल हो चुका है. भुखमरी से बचने के लिए इमरान खान PoK की जैविक संपदा को चीन और तुर्की के हाथों कौड़ियों के दाम में गिरवी रख रहे हैं.
लेकिन विकास के नाम पर चलाए जा रहे तमाम प्रोजेक्ट दरअसल आईवाश हैं. इनके पीछे कश्मीर में आतंकी साजिश को अंजाम देना है. पाकिस्तान ने चीन के बाद अब तुर्की को भी कश्मीर में चल रहे अपने जिहादी मिशन में शामिल कर लिया है.
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PoK में 'पाप' पड़ेगा भारी
अपनी बर्बादी का तमाशा देखने के बाद इमरान खान हिन्दुस्तान की बर्बादी के लिए रोज नए-नए षड़यंत्र रच रहा है. अब उसने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ मिलकर बहुत बड़ी साजिश रची है. इस बार आतंकिस्तान के आका इमरान ने इसे विकास का नाम दिया है.
इमरान खान ने कई साल पहले से अवैध कब्जे वाले पीओके के जल, जंगल, जमीन को बेचना शुरू कर दिया था. ऐसा करने के बावजूद कंगाल पाकिस्तान का पेट नहीं भरा सका लिहाजा अब तुर्की की पीओके में एंट्री करा दी है. सीधे-साधे कश्मीरी अवाम की आंखों में धूल झोंकने के लिए इमरान ने पीओके के लोगो को समझाया है कि तुर्की वहां विकास के झंडे गाड़ेगा और उनकी किस्मत बदल जाएगी.
लाखों डॉलर का है तुर्की का निवेश
इमरान की धूर्तता का खुलासा जी मीडिया को मिले EXCLUSIVE दस्तावेजों से होता है. जिसमें आतंक की राह पर चलते हुए मुस्लिम वर्ल्ड का खलीफा बनने की ख्वाहिश रखने वाला तुर्की पाक अधिकृत कश्मीर में लाखों डॉलर का निवेश कर रहा है.
वह यहां के टूरिज्म सेक्टर खासकर होटल और रिजॉर्ट्स में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है. एर्दोआन की मंशा पीओके में एम्यूजमेंट पार्क, नेशनल पार्क के साथ-साथ हाइड्रो पावर सेक्टर में भी निवेश करने की है. तुर्की ने गिलगित क्षेत्र में 20 मेगावाट के हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू कर दिया है. तुर्की से आए इंजीनियर्स को पॉवर प्रोजेक्ट की साइडट पर भी देखा गया है.
साजिश के तरह पीओके में घुसा है तुर्की
जरा सोचिए जिस पीओके में पाकिस्तान अब तक बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं खड़ा कर पाया है, वहां विकास की ये लग्जरी किस काम की है. इसी वजह से शक गहराता है कि तुर्की किसी साजिश के तहत पीओके में घुसा है और बाजवा की फौज उसकी मदद कर रही है. तुर्की का हमेशा डबल स्टैंडर्ड रहा है. उसका एक पांव बेस्ट में है तो दूसरी तरफ वह मुस्लिम देशों को साधकर चलता है.
विकास बहाना, मकसद है आतंक फैलाना
पिछले 10 सालों में तुर्की हर उस मंच पर अगुवा बनने की कोशिश करता रहा है जहां जिहादी समूहों की मौजूदगी रही है. अब वो कश्मीर को गाजा बनाने की साजिश कर रहा हैं. पहले उसने कश्मीर को नागोरनो काराबाख बनाने की साजिश रची थी. वो कश्मीर में जिहाद की नई ब्रिगेड खड़ी करना चाहता है इसके लिए पीओके में चल रहे आतंकी कैपों को भी मदद करता रहा है. पाकिस्तानी सेना के जरिए तुर्की कश्मीर में एक्टिव आतंकी गुटों को हथियार भी भेजने में लगा है.
कश्मीर में भेजे जा रहे हैं भाड़े के आतंकी
कुछ दिन पहले ग्रीस ने एक मीडिया रिपोर्ट में बहुत बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया कि तुर्की के राष्ट्रपति भाड़े के आतंकियों को कश्मीर भेजने की चाल चल रहे हैं. तुर्की के भाड़े का आतंकियों का संगठन सादात अब कश्मीर में एक्टिव होने की राह पर है. आतंकी संगठन सादात का नेतृत्व एर्दोआन का सैन्य सलाहकार अदनान तनरिवर्दी करता है. जिसमें कश्मीर में बेस बनाने के लिए गुलाम नबी फई नाम के आतंकी को नियुक्त किया है.
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तुर्की के राष्ट्रपति लगातार दे रहे हैं भारत विरोधी बयान
कश्मीर के मामले में तुर्की के राष्ट्रपति एक बार नहीं दर्जनों बार भारत विरोधी बयान दे चुके हैं. दरअसल तुर्की में बढ़ती जिहादी कट्टरता से यूरोपीय देश अब तुर्की से दूरिया बढ़ा रहे हैं.
ऐसे में तुर्की अब आतंकियों के सबसे बड़े अड्डे पाकिस्तान और उनको मदद करने वाले चीन के साथ पींगे बढ़ा रहा है. तुर्की की पहचान अब एक आतंकी देश की बनती जा रही है इसीलिए तुर्की से उनकी दूरियां बढ़ती जा रही हैं. लिहाजा तुर्की अब चाइना के साथ जुड़ रहा है. लेकिन चीन ऐसा देश है जो तुर्की को भी लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा.
पाकिस्तान के साथ तुर्की बढ़ा रहा है रक्षा व्यापार
जिहादी विचारों वाले दो मुल्क पाकिस्तान और तुर्की के बीच हथियारों के सौदे लगातार बढ़ रहे हैं जो भारत के लिए चिंता का सबब है. तुर्की के हथियार बाजार में पाक सबसे बड़ा खरीदार है, तुर्की से पाकिस्तान ने 3 अरब डॉलर के हथियारों की खरीदे हैं जिसमें 30 T-129 ATAK हेलिकॉप्टर का ऑर्डर भी शामिल है. वहीं पाकिस्तान तुर्की से लड़ाकू जलपोत MILGEM भी खरीदने जा रहा है.
इसके अलावा पाकिस्तान को तुर्की पैर्मीटर सर्विलांस रडार सिस्टम भी दे रहा है जो पोर्टेबल है. अगर पाकिस्तान इसका इस्तेमाल कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ में करे तो किसी को ताज्जुब नहीं होना चाहिए.
जाहिर है तुर्की और पाकिस्तान मिलकर कश्मीर को गाजापट्टी जैसा युद्धग्रस्त इलाका बनाने की साजिश रच रहे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मुद्दा बनाकर उठा सकें लेकिन पाकिस्तान की ये साजिश कामयाब नहीं होगी. कश्मीर में पाकिस्तान हमास की मौत मरेगा.
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