टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव फ्रांस में गिरफ्तार, मैसेजिंग को लेकर लगे ये गंभीर आरोप

पावेल की गिरफ्तारी को लेकर फिलहाल टेलीग्राम की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. वहीं फ्रांस के गृह मंत्रालय और पुलिस की ओर से भी इसपर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है. टेलीग्राम दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप में से एक है.   

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Aug 25, 2024, 09:26 AM IST
  • फ्रांस में गिरफ्तार हुए पावेल
  • टेलीग्राम को लेकर लगे आरोप
टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव फ्रांस में गिरफ्तार, मैसेजिंग को लेकर लगे ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली:  मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के फाउंडर और  CEO पावेल डुरोव को फ्रांस में गिरफ्तार कर लिया गया है.  उन्हें शनिवार 24 अगस्त 2024 की शाम पेरिस के बाहर बार्गेट एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पावेल अपने प्राइवेट जेट से अजरबैजान की यात्रा कर रहे थे.  

पुलिस ने किया गिरफ्तार 
पावेल डुरोव को एक पुलिस जांच के तहत अरेस्ट वारंट के बाद गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक टेलीग्राम पर मॉडरेट की कमी के कारण यह जांच की गई. पुलिस का कहना है कि टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी के कारण इसमें आपराधिक गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहीं. साथ ही पुलिस का दावा है कि डुरोव टेलीग्राम के आपराधिक इस्तेमाल पर रोक लगाने में नाकाम रहे हैं. 

सरकार करती है टेलीग्राम का इस्तेमाल 
पावेल की गिरफ्तारी को लेकर फिलहाल टेलीग्राम की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. वहीं फ्रांस के गृह मंत्रालय और पुलिस की ओर से भी इसपर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है. बता दें कि साल 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से टेलीग्राम युद्ध के आसपास की राजनीति को लेकर दोनों पक्षों की तरफ से अनफिल्टर्ड कंटेंट का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और उनके अधिकारियों के लिए यह ऐप कम्यूनिकेशन का सबसे प्रमुख जरिया है. वहीं रूसी सरकार भी इसका इस्तेमाल करती है. 

इतनी संपत्ति के मालिक हैं पावेल 
टेलीग्राम दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप में से एक है. पावेल डुरोव ने साल 2013 में इसकी स्थापना की थी. इस ऐप के करीबन 900 मिलियन एक्टिव यूजर्स हैं. 'फोर्ब्स' के अनुसार डुरोव के पास कुल 15.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. उनकी गिरफ्तारी पर कई रूसी ब्लॉगर्स ने फ्रांसीसी दूतावासों पर विरोध प्रदर्शन किया. 

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