नई दिल्ली: अमेरिका में इन दिनों चारों तरफ आग लगी हुई है. दंगाई और प्रदर्शनकारी उपद्रव कर रहे हैं और आगजनी, लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. एक अश्वेत की हत्या के बाद से अमेरिका में बेकाबू प्रदर्शनकारी कुछ भी करने पर अमादा हैं. इस दौरान कुछ शरारती तत्वों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ दी. इससे सभी भारतीयों में आक्रोश है और भारतीयों के गुस्से को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने माफी भी मांग ली है. इस पूरी घटना पर भारत में अमेरिका के राजदूत ने दुख जताया है और माफी मांगी है.
पूर्व पीएम अटल और बिल क्लिंटन ने किया था प्रतिमा का अनावरण
Mahatma Gandhi’s statue outside the Indian Embassy in Washington DC desecrated by unruly elements of #BlackLivesMatter protesters. Sources tell ANI that United States Park Police have launched an investigation, more details awaited. pic.twitter.com/jxRpIhqd2W
— ANI (@ANI) June 4, 2020
वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 16 सितंबर, 2000 में किया था. इस प्रतिमा के अलावा अमेरिका के कई शहरों में महात्मा गांधी की दो दर्जन से अधिक प्रतिमाएं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की इस मूर्ति पर पुष्पार्चन किया था.
ढक दी गयी है प्रतिमा
दंगाइयों द्वारा मूर्ति तोड़े जाने के बाद पुलिस ने उसे ढक दिया है और जानकारी मिली है कि पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी है. अभी अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा है कि बापू की प्रतिमा के अपमान के मामले की जांच यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस कर रही है.
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डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू की सख्ती
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की राजधानी में नैशनल गार्ड के सैनिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को भारी संख्या में तैनात करने करने का बुधवार को श्रेय लेते हुए कहा कि इसने राज्यों को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस के बाहर की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ट्रम्प ने समर्थन किया है, जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे.
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो और वाशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के कई शहरों में अश्वेत की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए, इनमें से कुछ जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए. कई शहरों में अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है. गौरतलब है कि अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत और पुलिस के हाथों अन्य अश्वेत लोगों की हत्या के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों की आंच न्यूयॉर्क से लेकर टुल्सा और लॉस एंजिलिस तक फैल गई. व्हाइट हाउस भी आगजनी और हिंसा की चपेट में है.