नई दिल्ली. भारत और विश्व स्वास्थ्य संगठन दोनों ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. अब आज पंद्रह मच को कोरोना वायरस के गहराते वैश्विक संकट को लेकर सार्क देशों की मीटिंग होने वाली है. इस मीटिंग के प्रति उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बैठक से प्रभावी परिणाम मिलने की आशा है.
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
दिनिया के अनेक देश कोरोना वायरस की गिरफ्त में हैं. पीएम मोदी ने देशवासियों के लिए ही नहीं दुनिया के सभी लोगों के लिए विश्वास का सन्देश प्रेषित किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि - 'एक स्वस्थ ग्रह के लिए होने वाली हर कार्रवाई समय पर होनी चाहिए. रविवार शाम 5 बजे सार्क (SAARC) देशों के नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कोरोना वायरस (COVID-19) की चुनौती को टक्कर देने के लिए रणनीति पर बातचीत करेंगे. मुझे विश्वास है कि हमारे एक साथ आने से प्रभावी परिणाम मिलेंगे और हम सभी देशों के नागरिकों को उसका लाभ प्राप्त होगा.'
चर्चा के मुद्दे ये होंगे
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन विषयों पर आज रविवार शाम सार्क प्रतिनिधियों की चर्चा संभावित है उनमें नागरिकों के आवागमन को लेकर अधिक सतर्क होने से लेकर एक दूसरे को मेडिकल की सहायता अर्थात दवाइयों और एक-दूसरे के उपायों और अनुभवों को साझा करना तथा दवाइयों के आदान-प्रदान को भी शामिल किया जाएगा. सार्क देशों में भारत एक बड़ा देश है और सदा ही वह अन्य साथी देशों के प्रति बड़े भाई की भूमिका निभाता आया है. भारत ने अभी तक कोरोना को सफलतापूर्वक रोकथाम में सफलता पाई है इसलिए पीएम मोदी की तरफ से दूसरे देशों को मदद देने का ऐलान किया जा सकता है.
भारत पहले ही मदद कर रहा है
इस दुनिया में भारत ही इकलौता ऐसा देश है जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दूसरे देशों की मदद कर रहा है. चीन के शहर वुहान को भारत ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 15 टन मेडिकल सामग्री की आपूर्ति की थी और अब इसी तरह की मदद वह ईरान को भी भेजने जा रहा है. चीन और जापान से अपने नागरिकों को निकाल कर भारत लाते समय भारत ने बांग्लादेश, मालदीव समेत दूसरे देशों के भी नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला था. इतना ही नहीं भारत ने सभी सार्क देशों को भी इसके लिए अपनी मदद की पेशकश करते हुए कहा था कि अगर उनके नागरिकों को निकालना हो तो भारत उनकी मदद करेगा.
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