ओबामा पर भड़के ट्रंप, पिछली सरकारों की मूर्खता से बढ़ी ईरान से दुश्मनी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा और उनकी पार्टी की पुरानी सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि पहले मूर्खतापूर्ण कदम उठाए गये.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 9, 2020, 09:07 AM IST
    • ओबामा पर भड़के ट्रंप
    • पिछली सरकारों के दिये पैसे से ईरान ने खरीदीं मिसाइल
    • ट्रंप ने मांगा रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन का साथ
ओबामा पर भड़के ट्रंप, पिछली सरकारों की मूर्खता से बढ़ी ईरान से दुश्मनी

दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ चल रहे तनाव के बीच बराक ओबामा पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि साल 2013 की मूर्खतापूर्ण डील के बाद ईरान की शत्रुता काफी बढ़ गई है. इस डील के तहत ईरान को 150 बिलियन डॉलर की मदद दी गयी. ईरान ने इस पैसे के लिए अमेरिका का शुक्रिया करने की बजाय 'डेथ टू अमेरिका' के नारे लगा रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि इस डील से मिली रकम का इस्तेमाल ईरान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया. उसने यमन, सीरिया, लेबनान, अफगानिस्तान और इराक को नर्क बना दिया.

पिछली सरकारों के दिये पैसे से ईरान ने खरीदीं मिसाइल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान को परमाणु शक्ति बनने का ख्वाब और आतंकवाद का साथ देना छोड़ देना चाहिए. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जिन मिसाइलों से हमला किया, उन मिसाइलों के लिए फंड पिछली सरकार ने दिया था.

ट्रंप ने कहा कि ईरान ने अपने यहां पर सत्ता पर लगाम भी कस ली है. हाल ही में ईरान में विरोध करने वाले 1500 लोगों की हत्या की जा चुकी है. 

ट्रंप ने मांगा रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन का साथ

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमने ईरान के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण की डील की, लेकिन वह शुक्रिया की बजाय अमेरिका की मौत के नारे लगाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों से ईरान के खिलाफ अमेरिका के साथ आने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि ईरान की हिंसा से मध्य पूर्व में शांति नहीं आएगी.

ईरान ने 80 अमेरिकी सैनिक मारने का किया था दावा

ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद मंगलवार देर रात ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दर्जनभर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया और दावा किया कि इसमें उसने अमेरिका के 80 सैनिकों को मार गिराया है. अमेरिका ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि सब कुछ ठीक है. उल्लेखनीय है कि अमेरिकी हमले में अपने रिवोल्यूशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स प्रमुख के मारे जाने के बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ था.

यह चर्चा हर तरफ चल रही थी कि दोनों देशों में बिगड़ते हालातों के बीच तीसरा विश्व युद्ध या युद्ध जैसे खराब हालात जल्द देखने को मिल सकते हैं. आखिरकार ईरान ने ऐसा कर ही दिया. बता दें कि ईरान में कासिम सुलेमानी को लोग बहुत पसंद करते थे. 

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