नई दिल्ली. जब दिया रंज बुतों ने तो खुदा याद आया. चीन से चोट खाई तो भारत की याद आई. पहले भी भारत के पास बड़ा मार्किट था और ईमानदार मार्किट था लेकिन अमेरिका की कम्पनी ने बेईमान चीन के बाजार को चुना. अब चीन से चूना लगा तो ट्रम्प ने अमेरिकन कंपनियों को बताया भारत का पता.
चीनी वायरस ने खोल दी चीन की कलई
चीन से निकले कोरोना वायरस के कारण सारी दुनिया में चीन का असली चेहरा उजागर हो गया है. सारी दुनिया को समझ आया कि चीन का चेहरा कितना नकली था. हर देश की कंपनियां अब चीन का से मुँह मोड़ रही हैं. अमेरिका ने तो सीधी दुश्मनी मान ली है चीन से जिसकी पक्की वजह भी है उसके पास. ऐसे में अब चीन के बाद सर्वोत्तम विकल्प भारत के अतिरिक्त और क्या हो सकता है.
चीन से खफा कंपनियों को ट्रम्प सरकार की सलाह
चीन में मिली बेईमानी और चीन से फैला वायरस. अब चीन पर अमेरिकी कंपनियां किसी हाल में भरोसा नहीं करने वालीं. ऐसे में यदि अमेरिका की ट्रम्प सरकार ही उनको भारत का पता बताये तो ये एक बड़ी राहत से कम नहीं क्योंकि भारत ने न केवल अमेरिका के साथ दोस्ती निभाई है बल्कि मुसीबत के वक्त भी अमेरिका का सच्चा मित्र होने का प्रमाण भी दिया है.
भारत में शुरू हो गई हैं तैयारियां
चीनी वायरस ने दुनिया का नुकसान तो किया ही चीन का नुकसान भी कम नहीं किया. अब इस नुकसान से भारत का फायदा होता नज़र आ रहा है. कोरोना महामारी के कारण अमेरिकन कपनियां चीन से निकलने की ताक में हैं और अब उनका बड़ा और भरोसेमंद गंतव्य भारत है. अपने इरादों का परिचय जब इन कंपनियों ने यूएस, डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स के साथ हुई सीक्रेट बैठक में दिया तो ट्रम्प सरकार ने उसका समर्थन किया है. इधर भारत में भी पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में उन्हें इसका संकेत दे कर कहा कि तैयारी रखें कि निवेशकों के लिए आपके राज्य में रेड कार्पेट बिछी हो क्योंकि आने वाले दिनों में भारत को बड़े पैमाने पर अमेरिकन कंपनियों का निवेश मिल सकता है.
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