बाइडेन बोले, पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, परमाणु हथियार है वजह

बाइडेन ने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्तारूढ दल के कार्यक्रम में यह बात विश्व की बदलती भू राजनैतिक स्थिति के संदर्भ में कही. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 15, 2022, 03:20 PM IST
  • पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंता जताई है
  • उनकी चिंता यह है कि परमाणु हथियार आतंकवादियों या जिहादियों के हाथ में जा सकते हैं
बाइडेन बोले, पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, परमाणु हथियार है वजह

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बताया है. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस अभियान समिति के समारोह में यह बात कही. बाइडन ने कहा कि पाकिस्तान के पास बिना किसी सुरक्षा के परमाणु हथियार हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्तारूढ दल के कार्यक्रम में यह बात विश्व की बदलती भू राजनैतिक स्थिति के संदर्भ में कही. 

क्या कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ने
बाइडेन ने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. उसके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन बिना किसी सुरक्षा के हैं.’’ बाइडेन ने अपने भाषण में कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और सभी देश अपने सहयोगियों को लेकर पुनर्विचार कर रहे हैं . उन्होंने कहा ,‘‘ और सच यह है कि दुनिया हमारी तरफ देख रही है . यह कोई मजाक नहीं है . हमारे दुश्मन भी हमारी तरफ देख रहे हैं कि हम क्या करते हैं .’’ बाइडेन ने कहा ,‘‘ क्या किसी ने कभी सोचा था कि ऐसे हालात होंगे कि चीन रूस , भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में अपनी भूमिका की समीक्षा करने की कोशिश करेगा? लेकिन यह हो रहा है. दुनिया तेजी से बदल रही है.’’ 

क्या है चिंता की वजह
पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर हमेशा चिंता जताई है. उनकी चिंता यह है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकवादियों या जिहादियों के हाथ में जा सकते हैं .  अमेरिका के शीर्ष जनरल मार्क मिले ने चेताया था कि अफगानिस्तान से तेजी से सेना हटाने की वजह से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है . 

विशेषज्ञों की राय
ब्रूकिंग्स में विदेश नीति कार्यक्रम के एक अप्रवासी वरिष्ठ विशेषज्ञ मर्विन काल्ब ने पिछले साल लिखा था ,‘‘ मई 1998 में पाकिस्तान ने पहला परमाणु परीक्षण किया और यह दावा किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये इसकी जरूरत थी . उसके बाद से अमेरिका के सभी राष्ट्रपतियों को यह भय रहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार गलत हाथों में पड़ सकते हैं . इसमें अब यह डर भी शामिल है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद पाकिस्तान में जिहादी सत्ता हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं .’’ 

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