रूस: इतने सालों के लिए अपना कार्यकाल बढ़ाने जा रहे हैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संकट व्याप्त है. कई देशों में इस जानलेवा महामारी से त्राहि त्राहि मची हुई है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने कार्यकाल को इतने सालों के लिये बढ़ाने जा रहे हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 2, 2020, 02:48 PM IST
    • संविधान संशोधन करने की तैयारी
    • 2024 में छोड़ना पड़ सकता था पद
    • 2036 तक राष्ट्रपति पद में रहने का रास्ता लगभग साफ
रूस: इतने सालों के लिए अपना कार्यकाल बढ़ाने जा रहे हैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

नई दिल्ली: दुनियाभर में चीनी वायरस तबाही मचा रहा है. चीन की तानाशाही और झूठी सरकार की राह पर चलते हुए रूस में भी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक अपना कार्यकाल बढ़ाने जा रहे हैं. पूरी दुनिया को अपने झूठ के कारण अद्वितीय संकट में चीन ने डाल दिया है. चीन की वुहान लैब से निकला चीनी वायरस कोरोना अमेरिका, भारत और रूस समेत कई देशों में तबाही मचा रहा है. चीन की परंपरा का अनुसरण करते हुए लोकतंत्र का गला घोंटने वाला फैसला लेने की तैयारी व्लादिमीर पुतिन भी कर रहे हैं.

संविधान संशोधन करने की तैयारी

अपने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया है कि इसके लिए जरूरी संवैधानिक संशोधन के लिए वोटिंग 1 जुलाई को की जाएगी. अगर यह संशोधन पारित हो गया तो 2036 तक राष्ट्रपति पद में रहने का रास्ता साफ हो जाएगा. पहले यह वोटिंग 22 अप्रैल होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इसे टाल दिया गया था.

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2024 में छोड़ना पड़ सकता था पद

उल्लेखनीय है कि व्लादिमीर पुतिन यदि ये प्रस्ताव पास नहीं करवा पाते हैं तो 2024 में उन्हें रूस के राष्ट्रपति का पद छोड़ना पड़ सकता था. अगर अब होने वाली वोटिंग में यह संशोधन पारित हो गया तो वह एक के बाद एक दो कार्यकालों के लिए 6-6 साल तक राष्ट्रपति बने रह सकेंगे. पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि लोग इस वोटिंग में हिस्सा लेंगे और उन्हें मदद देंगे.

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दो दशकों से रूस में पुतिन का जलवा

आपको बता दें कि 67 वर्षीय व्लादिमीर पुतिन करीब दो दशक से रूस की सत्ता में शीर्ष पर बने हुए हैं.  इस दौरान वह राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं. साल 2024 में राष्ट्रपति के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल पूरा हो रहा है. संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार इसके बाद वह तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे,  लेकिन संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर उनके राष्ट्रपति के तौर पर पूर्व के सभी कार्यकालों को शून्य घोषित कर दिया था. इसके बाद रूस की संवैधानिक अदालत ने भी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दो और चुनाव लड़ने का अधिकार देने वाले कानून संशोधन पर मुहर लगा दी थी.

पहले क्या कहते थे पुतिन

इसी साल जनवरी में व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि जो नेता मृत्यु तक सत्ता में बने रहने का सपना देखते हैं वे देश के साथ न्याय नहीं करते. उन्होंने कहा था कि सत्ता में मृत्यु तक रहने वाली सोच बहुत खतरनाक है. पुतिन के इस बयान के बाद लोग उनके हृदय परिवर्तन होने की चर्चा कर रहे थे. लोगों में उम्मीद बंध गयी थी कि हो सकता है व्लादिमीर पुतिन अब लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हुए आगे लोकतंत्र के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे और अब उनके इस कार्य ने पुतिन पर से लोगों का विश्वास उठा दिया है.

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