नई दिल्लीः Putin China Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गुरुवार सुबह बीजिंग पहुंचे. सात महीनों में यह उनका दूसरा चीन दौरा है. इससे पहले पुतिन अक्टूबर 2023 में बीजिंग गए थे. यही नहीं पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन ने पहले विदेशी दौरे के लिए चीन को चुना है. ऐसे में सवाल है कि पुतिन बार-बार चीन क्यों जा रहे हैं?
शी के न्योते पर बीजिंग पहुंचे पुतिन
अमेरिकी मीडिया आउटलेट पॉलिटिको के मुताबिक, व्लादिमीर पुतिन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न्योते पर बीजिंग पहुंचे हैं. पुतिन के दौरे पर चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे. पुतिन का चीन दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह मना रहे हैं.
At the invitation of China's President Xi Jinping, Russia's President Vladimir Putin arrived in Beijing, thus commencing a state visit to the People’s Republic of China as his first foreign trip after taking office.#RussiaChina pic.twitter.com/JRznEKtB3m
— MFA Russia(@mfa_russia) May 15, 2024
जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे पुतिन
वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से कहा, 'बातचीत के बाद दोनों देशों के नेताओं की ओर से एक संयुक्त बयान और कई द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की योजना है.' न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, पुतिन अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे. उनका चीनी औद्योगिक शहर हार्बिन की यात्रा करने और वहां रूसी-चीनी व्यापार मेले का दौरा करने का भी कार्यक्रम है.
रूस और चीन के संबंध हैं मजबूत
रूस और चीन के बीच संबंधों की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शी जिनपिंग ने भी अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद पहला दौरा रूस का किया था. दोनों परमाणु शक्तियों के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंध हैं. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के साथ एक इंटरव्यू में पुतिन ने राष्ट्रीय हितों और गहरे आपसी विश्वास के आधार पर रूस के साथ 'रणनीतिक साझेदारी' बढ़ाने में शी जिनपिंग की तारीफ की थी.
संबंधों को सीमा से परे बता चुके हैं पुतिन
बता दें कि फरवरी 2022 में पुतिन ने चीन-रूस संबंधों को लेकर कहा था कि इसकी कोई सीमा नहीं है. दोनों देशों के आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं. न्यूज एजेंसी AFP ने चीनी सीमा शुल्क आंकड़ों का हवाला देकर बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से बीजिंग और मास्को के व्यापार में बढ़ोतरी देखने को मिली है. साल 2023 में यह 240 अरब डॉलर तक पहुंच गया. लेकिन अमेरिका की ओर से कार्रवाई की चेतावनी के बाद मार्च और अप्रैल के दौरान रूस को चीनी निर्यात में गिरावट आई, जो इस साल की शुरुआत में आई तेजी से कम है. पुतिन की यात्रा से रूस को इसमें एक बार फिर तेजी की उम्मीद होगी.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने की थी चीन यात्रा
एएफपी के मुताबिक, पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीजिंग में शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में रूस के "युद्ध" के लिए चीनी समर्थन के खिलाफ चेतावनी दी थी. चीन रॉकेट, ड्रोन और टैंकों का उत्पादन बढ़ाने में रूस की मदद कर रहा है. हालांकि चीन यूक्रेन संघर्ष में एक तटस्थ पक्ष होने का दावा करता है.
रूसी वॉर इकोनॉमी को नई ऊर्जा देने की कवायद
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, राजनयिकों और विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन रूस की वॉर इकोनॉमी के लिए मशीनों, रसायनों से लेकर अपने सैन्य उद्योगों में मदद और अधिक रियायती तेल व गैस की खरीद के लिए शी से बातचीत करेंगे. पुतिन की यात्रा काफी हद तक इसे लेकर भी प्रतीकात्मक होने की संभावना है कि दोनों देश अमेरिका के नेतृत्व वाले वर्ल्ड ऑर्डर का मुकाबला करने के लिए साझा दृष्टिकोण रखते हैं.
वहीं शंघाई में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर झाओ मिंगहाओ पुतिन की चीन यात्रा को लेकर वाशिंगटन पोस्ट से बातचीत में कहते हैं, 'रूस व्यापार और ऊर्जा सहित चीन के साथ अपने देश के संबंधों को स्थिर करना चाहता है.' इस मायने में पुतिन की यह यात्रा काफी अहम है.
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