Amarnath Yatra: पांचवें दिन 18,000 से अधिक श्रद्धालुओं पहुंचे अमरनाथ, बाबा बर्फानी के किए दर्शन
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Amarnath Yatra: पांचवें दिन 18,000 से अधिक श्रद्धालुओं पहुंचे अमरनाथ, बाबा बर्फानी के किए दर्शन

Amarnath Yatra: सावन के महीने में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.  पांचवें दिन 18,000 से अधिक श्रद्धालुओं अमरनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे है. 

Amarnath Yatra: पांचवें दिन 18,000 से अधिक श्रद्धालुओं पहुंचे अमरनाथ, बाबा बर्फानी के किए दर्शन

Amarnath 2023: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2023) के पांचवें दिन बुधवार को 18,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए. जबकि 6,554 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ. बता दें, वार्षिक अमरनाथ यात्रा दक्षिण कश्मीर पहलगाम और उत्तरी कश्मीर बालटाल दोनों मार्गों से सुचारू रूप से चल रही है. 

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अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को 18,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए.  उन्‍होंने कहा, 6,554 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था आज यानी गुरुवार को जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से एक सुरक्षा काफिले में घाटी के लिए रवाना हुआ.  अधिकारियों ने कहा, यात्रियों के आज के जत्थे में 5,053 पुरुष, 1,375 महिलाएं, 25 बच्चे, 95 साधु और 6 साध्वियां हैं. 

साथ ही उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री पारंपरिक दक्षिण कश्मीर के पहलगाम मार्ग से हिमालय गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, जिसमें पहलगाम बेस कैंप से 43 किमी की चढ़ाई होती है या उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप से 13 किमी की चढ़ाई होती है.  पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में 3-4 दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर में लौट आते हैं. 

जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. गुफा मंदिर में एक बर्फ की संरचना है जिसके बारे में भक्तों का मानना है कि यह भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है.  बर्फ के स्टैलेग्माइट की संरचना चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती और बढ़ती रहती है. 
इस साल 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई जो 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी. वहीं, तीर्थयात्रियों को ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए, अधिकारियों ने यात्रा के दोनों मार्गों पर स्थापित किए गए 'लंगरों' में सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

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