Space Lab: अंतरिक्ष ज्ञान का केंद्र बनी हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब
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Space Lab: अंतरिक्ष ज्ञान का केंद्र बनी हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब

Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश की एक मात्र स्पेस लैब ग्रामीण क्षेत्र के स्कूली छात्रों के लिए अंतरिक्ष ज्ञान का केंद्र बनी है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय घुमारवीं में स्थापित स्पेस लैब में अब तक 900 छात्रों ने विज्ञान व अंतरिक्ष की बारीकियों का सीखा है. इस स्पेस लैब में ड्रोन  एयरक्राफ्ट, टेलीस्कोप व वर्किंग रोबोट सहित कईं वर्किंग मॉडल भी हैं.

Space Lab: अंतरिक्ष ज्ञान का केंद्र बनी हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब

विजय भारद्वाज/बिलासपुर: जिला बिलासपुर के घुमारवीं में स्थापित हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब स्कूली छात्रों के लिए आंतरिक ज्ञान का केंद्र बनकर सामने आई है. जिला प्रशासन द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय घुमारवीं में स्पेस लैब बनाई गई थी, जिसका शुभारंभ 26 जनवरी 2024 को प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा किया गया था. 

इस स्पेस लैब को बनाने का उद्देश्य दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सरकारी व निजी स्कूल के छात्रों को साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रति विस्तृत जानकारी देना और अंतरिक्ष ज्ञान के लिए प्रोत्साहित करना था, जिसके चलते यह स्पेस लैब आज स्कूली छात्रों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है.

बता दें, हिमाचल प्रदेश की पहली स्पेस लैब में स्कूली छात्र अलग-अलग मॉडल्स से विज्ञान की बारीकियां सीखने के साथ ही टेलिस्कोप से खगोलीय घटनाओं को भी निहारते हैं. दस लाख रुपये की लागत से बनी इस स्पेस लैब में कक्षा छठी से बारहवीं तक के छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की खूबियां बताई जाती हैं, जिसमें मुख्य रूप से ड्रोन विधि, एयरक्राफ्ट के वर्किंग मॉडल, टेलिस्कोप, वर्किंग रोबोट, थ्री डी पिंटर के अलावा कुछ अन्य वर्किंग मॉडल भी देखने को मिलते हैं.

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यहां छात्रों को सिर्फ ड्रोन और एयरक्राफ्ट उड़ाना ही नहीं बताया जाता, बल्कि ये कैसे बनते हैं, इस पर कैसे काम किया जाता है, इसकी भी जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही इसरो के चंद्रयान व मंगलयान मिशन के बारे में छात्रों को सिर्फ किताबों या ब्लैक बोर्ड पर नहीं पढ़ाया जाता, बल्कि प्रोजेक्ट मॉडल दिखाकर भी समझाया जाता है, जिससे छात्र जल्दी सीख पाते हैं. 

इस स्पेस लैब में बिलासपुर जिला के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों से 900 से ज्यादा छात्रों ने अंतरिक्ष और रोबोटिक्स के गूढ़ रहस्यों के बारे में जाना है. वहीं अब शैक्षणिक टूर के लिए जिला बिलासपुर के अन्य स्कूलों के बच्चे भी यहां आते हैं और अंतरिक्ष का नजारा देखते हैं. इसके साथ ही विभिन्न खोजों की जानकारी लेने के बाद स्कूल के संबंधित स्कूलों के अन्य छात्रों को इसकी जानकारी देते हैं.

वहीं, विज्ञान संकाय से संबंधित मेधावी छात्रों के एक ग्रुप को इसरो अहमदाबाद भ्रमण के लिए भेजा गया था, जिन्हें वैज्ञानिकों द्वारा आंतरिक गतिविधियों की जानकारी दी गयी थी. वहीं स्कूली छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अनुप्रयोगों की बुनियादी जानकारी देने के लिए स्पेस लैब का विचार चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आया और जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार ने इस ओर कदम उठाते हुए घुमारवीं में स्पेस लैब का निर्माण करवाया जो छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया.

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इस बात की जानकारी देते हुए स्पेस लैब की इंचार्ज अंबिका मिंहास ने कहा कि अब तक जिला से 900 से अधिक स्कूली छात्र इस स्पेस लैब का भ्रमण कर आंतरिक विज्ञान से जुड़ी बातों की जानकारी ले चुके हैं. उनका प्रयास है कि देश में अंतरिक्ष गतिविधियों से जुड़ी विभिन्न खोजों की जानकारी हर छात्र तक पहुंचे और छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रेक्टिकल नॉलेज भी मिल सके. उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की है कि हर जिले में इस तरह की स्पेस लैब खोली जाएं ताकि स्कूली छात्रों को नजदीक से ही अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी मिल सके. 

वहीं, स्पेस लैब के संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि घुमारवीं स्पेस लैब के प्रति छात्रों की रुचि व जिज्ञासा को देखते हुए जिला में पांच और नई स्पेस लैब बनाई जा रही हैं, जो बिलासपुर, नमहोल, डंगार, बरठीं व कपाहड़ा में बनेंगी, जिसे लेकर स्कूलों में स्पेस लैब खोलने के लिए कमरों की व्यवस्था कर दी गई है.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक लैब पर 10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि लैब शुरू होने के बाद छात्रों के ज्ञानवर्धन के लिए स्पेशल ट्यूटर प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरी स्पेस लैब राजकीय वरिष्ठ बाल विद्यालय रौड़ा सेक्टर बिलासपुर में बनाई जा रही है, जिसका शुभारंभ 7 जनवरी को प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी करेंगे. इसके बाद अन्य सरकारी स्कूलों में भी स्पेस लैब बनाई जाएंगी.

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