हिमाचल रिसोर्स मोबिलाइजेशन सब-कमेटी की हुई पहली बैठक, डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई चर्चा
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2351143

हिमाचल रिसोर्स मोबिलाइजेशन सब-कमेटी की हुई पहली बैठक, डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई चर्चा

Shimla News: हिमाचल रिसोर्स मोबिलाइजेशन सब-कमेटी की शिमला में बुधवार को पहली बैठक हुई. बैठक में मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि केंद्रीय बजट में हिमाचल को उम्मीदों का झुनझुना थमाया गया.

हिमाचल रिसोर्स मोबिलाइजेशन सब-कमेटी की हुई पहली बैठक, डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई चर्चा

Shimla News: आर्थिक तंगी से गुजर रही हिमाचल प्रदेश सरकार में प्रदेश के संसाधनों को जुटाने और लामबंद करने के लिए गठित रिसोर्स मोबिलाइजेशन सब-कमेटी की आज पहली बैठक प्रदेश सचिवालय शिमला में हुई. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में मंत्री चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान और राजेश धर्मानी ने प्रदेश की तंग आर्थिक स्थिति से निपटने और संसाधनों के संगठन के लिए विस्तृत चर्चा की. 

बैठक की जानकारी देते हुए मंत्री राजेश धर्मानी ने बताया कि प्रदेश में इस समय प्रत्येक व्यक्ति पर एक लाख 16 हजार 180 रुपये का कर्ज है. कर्ज़ के बोझ में प्रदेश देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है और प्रदेश को प्राप्त सभी टैक्स की आय से अधिक खर्च पुराने कर्ज की किस्त और ब्याज चुकाने में हो रहा है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि अपने संसाधनों को बढ़ाने और संगठित करने की प्रयास किए जाएंगे. 

इसके लिए एक पॉलिसी बनायी जाएगी, जिससे सरकार बेतरतीब खर्चो पर अंकुश लगा सके और भ्रष्टाचार को रोकने के प्रयास करें. राजेश धर्मानी ने बताया कि प्रदेश में 2006 के बाद अधिकारी स्तर की भर्तियों मे 62% की बढ़ोतरी हुई है जबकि फील्ड में काम करने के लिए कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है. ऐसे में विभागीय स्तर पर अधिकारियों की मोबिलाइजेशन की जा सकती है. उन्होंने बताया कि क्योंकि प्रदेश आर्थिक तंगी में है. इसलिए विभिन्न मुफ्त सेवाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. ताकि जो समक्ष लोग है उनकी बजाय जरुरतमंदों को हर प्रकार का लाभ दिया जा सके. 

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि हिमाचल को केंद्र के बजट से उम्मीदें थी लेकिन केंद्र ने बजट में झुनझुना ही थमाया है. केंद्र बैसाखियों पर चल रही है. सरकार को बचाने के लिए सहयोगी दलों के राज्यों की सरकारों को ही बजट दिया है जबकि हिमाचल की अनदेखी की गई. जबकि हिमाचल प्रदेश को केंद्र के बजट से काफी उम्मीदें थी. खासकर आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है और आपदा राहत के लिए विशेष पैकेज की बजट से उम्मीदें थी. 

इसके अलावा भानुपलली बिलासपुर रेलवे लाइन के लिए बजट में भी कोई प्रावधान नहीं. वहीं कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए भी प्रदेश सरकार पर ही वित्तीय बोझ डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में हिमाचल से मंत्री जगत प्रकाश नड्डा है. वह भी हिमाचल को कुछ खास नहीं दिला पाये है.

रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला 

Trending news