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समीक्षा कुमारी/शिमला: जिला परिषद कैडर अधिकारी और कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही. इस दौरान जिले भर से जिला परिषद कैडर कर्मचारी और अधिकारी काम छोड़ कर जिला ऊना के पांचों, ब्लॉक,अम्ब,गगरेट,बगाना,हरोली,और ऊंना के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
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कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनका पंचायतीराज या ग्रामीण विकास विभाग में विलय नहीं किया जाएगा, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी. खंड विकास अधिकारी ऊना कार्यालय के बाहर भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए है. इससे जिले भर की तमाम पंचायतों में विभिन्न विभागों से जुड़े कामकाज प्रभावित हो रहे है. पंचायतीराज अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ (जिला परिषद कैडर) के जिला अध्यक्ष अमनदीप ऐरी ने कहा कि सरकार जब तक उनकी सुनवाई नहीं करती वे हड़ताल पर डटे रहेंगे.
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बता दें कि ऊना जिला में 245 पंचायते हैं, जिनका जिम्मा 271 जिला परिषद कैडर अधिकारी और कर्मचारी के सिर पर रहता है. इनके पास करीब 29 विभागों से जुड़े कामकाज होते हैं. इनमें जनगणना, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पशुपालन, पशुपालन, कृषि, पेंशन, बीपीएल, मनरेगा समेत कई विभागों की विभिन्न योजनाओं को धरातल स्तर पर लागू करवाने की जिम्मेदारी उन्हीं की रहती है.
इन कर्मचारियों की माने, तो यह पिछले 22 सालों से इस विभाग में अपनी सेवा दे रहे हैं. सरकार की सभी विकास योजनाओं को जनता तक पहुंचना में इनका भी अहम रोल रहता है. इसलिए वह कई सालों से सरकार से उन्हें पंचायती राज विभाग में विलय करने की मांग करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नही दिया. इसलिए अब मजबूर होकर उन्होंने प्रदेश भर में पेन डाउन स्ट्राइक शुरू की है. जिसका उन्होंने कलम छोड़ो आंदोलन नाम दिया है. बता दें, यह आंदोलन प्रदेश भर में अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं.
टूटू ब्लॉक के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हमारी सरकार से यही मांग है कि हमें पंचायती राज या रूरल डेवलपमेंट किसी भी विभाग में विलय किया जाए. उन्होंने कहा कि हमें अब तक यह पता ही नहीं था कि हम किस विभाग में आते हैं और विभाग 7पे कमिशन लागू होना था उस समय विभाग ने इंकार कर दिया कि यह पंचायती राज के नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग की है कि हमें किसी भी विभाग में विलय किया जाए.
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