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Pradosh Vrat 2022: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार प्रदोष व्रत में काफी अच्छा संयोग भी बन रहा है. इसबार भगवान शिव और सिद्धि योग बन रहा है. ऐसे में यह दिन रविवार को पड़ रहा है. इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
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बता दें, इस व्रत का हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व है. इस दिन विधिवत तरीके से भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. साथ ही भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है. इस महीने यह व्रत 12 जून यानी रविवार को पड़ रहा है.
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ये है शुभ मुहूर्त
यह व्रत 12 जून को सुबह 3 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो 13 जून यानी सोमवार को सुबह 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. बता दें, 12 जून को शाम 7 बजकर 19 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट तक पूजा करने का सबसे सही समय है.
ये है पूजा विधि
1. इस दिन आपको महादेव, मां पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय जी की एक साथ पूजा करनी चाहिए.
2. आप चाहे तो शिवलिंग की भी पूजा आप कर सकते हैं.
3. आपको सबसे पहले शिवलिंग के ऊपर दूध, दही और घी जैसे पवित्र चीजों को चढ़ाएं. इसके बाद जल से स्नान कराएं.
4. अब भगवान को फूल, माला और बेलपत्र आदि चढ़ाएं.
5. अब भोग लगाकर धूप-दीप जलाएं और आरती उतारें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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