CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की डिनर पार्टी में परोसा गया 'जंगली मुर्गा', सोशल मीडिया पर शुरू हुआ बवाल
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CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की डिनर पार्टी में परोसा गया 'जंगली मुर्गा', सोशल मीडिया पर शुरू हुआ बवाल

Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की डिनर पार्टी में जंगली मुर्गा परोसा गया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल हो रहा है. विपक्ष भी इस पर सरकार को घेरता नजर आ रहा है.  

CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की डिनर पार्टी में परोसा गया 'जंगली मुर्गा', सोशल मीडिया पर शुरू हुआ बवाल

संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक डिनर कार्यक्रम में 'जंगली मुर्गा' परोसे जाने की खबर ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र कुपवी में 'सरकार जनता के द्वार' कार्यक्रम के तहत टिकरी गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों के घर भोजन किया.

डिनर के मेन्यू में जंगली मुर्गा, सिड्डू, बिच्छू बूटी और मकई व गेहूं की रोटियां जैसी लोकल डिशेज परोसी गईं. इस डिनर में जंगली मुर्गे का जिक्र ही बवाल का मुख्य कारण बन गया. हालांकि, मुख्यमंत्री ने खुद जंगली मुर्गा नहीं खाया, लेकिन उनके साथ मौजूद हेल्थ मिनिस्टर और अन्य मेहमानों को यह परोसने की बात वायरल एक वीडियो के जरिए हो रही है. अब इस बात पर विवाद इसलिए हो रहा है, क्योंकि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत जंगली मुर्गे का शिकार प्रतिबंधित है. हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जंगली मुर्गा पाया जाता है. इसका शिकार कानूनन अपराध है.

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अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस पक्षी का शिकार वर्जित है, तो मुख्यमंत्री के डिनर में कैसे परोसा गया? इस घटना पर विपक्षी दल के नेताओं और लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. प्रशासन या सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का डिनर एक नए विवाद का कारण बन गया है. एक ग्रामीण कार्यक्रम के दौरान डिनर में 'जंगली मुर्गा' परोसे जाने की खबर ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है. बता दें, जंगली मुर्गे का शिकार वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत हिमाचल प्रदेश में प्रतिबंधित है.

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मामला तब तूल पकड़ा जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मेन्यू में जंगली मुर्गे का जिक्र स्वयं मुख्यमंत्री कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने खुद भले ही जंगली मुर्गा न खाया हो, लेकिन उनके साथ मौजूद मेहमानों के लिए यह परोसने की बात कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि क्या प्रतिबंधित जीव को डिनर में शामिल करना सही है? लोगों की नाराजगी और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चा के बीच सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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