Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भुवनेश्वर में 'प्रवासी भारतीय दिवस' कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर 'मोदी आर्काइव' के एक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें बताया गया है कि पहला प्रवासी भारतीय दिवस कब आयोजित हुआ.
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PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 'प्रवासी भारतीय दिवस' कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मोदी आर्काइव' अकाउंट के जरिए प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में खास जानकारी दी गई.
मोदी आर्काइव ने एक पोस्ट में बताया कि 9 जनवरी 2003 को नई दिल्ली में सबसे पहला 'प्रवासी भारतीय दिवस' आयोजित हुआ था. देश-विदेश से आए प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीयों से सभा खचाखच भरी हुई थी. उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में समापन समारोह में मंच पर भाषण दिया था. उनके भाषण का विषय था 'हिंदुत्व', जो उस समय चर्चा, बहस और विवादों का केंद्र था.
January 9, 2003 – New Delhi: The stage was set. The first-ever Pravasi Bharatiya Divas was taking place in New Delhi. Distinguished NRIs from across the globe filled the room. At the closing ceremony, a man stepped onto the stage to speak. Everyone went silent. It was the then… pic.twitter.com/I7fQnlfsY4
— Modi Archive (@modiarchive) January 9, 2025
पोस्ट में बताया गया कि हिंदुत्व को अक्सर विकास के विरोधी के रूप में दिखाया जाता था, जैसे यह आधुनिक प्रगति में बाधा हो, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने तब विभिन्न एनआरआई को संबोधित करते हुए इस धारणा को चुनौती देने हुए उन गलतफहमियों पर बात की, जो हिंदुत्व और विकास को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करती थीं.
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उन्होंने दृढ़ विश्वास के साथ कहा था, 'जो हजारों साल पुरानी हिंदू संस्कृति को नहीं समझते, वे हिंदुत्व को विकास का विरोधी बताकर अपनी अज्ञानता दिखा रहे हैं.' तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने समझाया था कि हिंदुत्व न तो केवल अतीत का एक अवशेष है और न ही एक राजनीतिक हथियार. यह एक स्थायी सभ्यता के वे अमर मूल्य हैं, जो चुनाव, सरकारों और सीमाओं से परे हैं. उन्होंने कहा था, 'हिंदुत्व हजारों वर्षों की संस्कृति है. भाजपा चुनाव जीत सकती है या हार सकती है, लेकिन हिंदुत्व को कभी हराया नहीं जा सकता.'
हिंदुत्व में विचार की स्वतंत्रता और समस्त सृष्टि के प्रति सम्मान की भावना दुनिया में कहीं और नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व की भावना दुनिया भर में मानवता के खिलाफ लड़ाई के रूप में आतंकवाद को हरा सकती है. तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने उदाहरणों के माध्यम से बताया था कि कैसे हिंदू संस्कृति ने हमेशा मानव मूल्यों को अपनाया और हर युग में प्रासंगिक बनी रही. उन्होंने जोर देते हुए कहा था, कि हिंदुत्व को कभी भी संकीर्ण परिभाषा में बांधा नहीं जा सकता.
इस तरह से 9 जनवरी 2003 को आयोजित यह पहला प्रवासी भारतीय दिवस एक नई चर्चा की शुरुआत थी. इसने दुनिया से हिंदुत्व को विकास में बाधा नहीं, बल्कि एक शाश्वत सभ्यता की आत्मा के रूप में देखने का आह्वान किया. नरेंद्र मोदी वह नेता थे, जिन्होंने इसे खुलकर कहने का साहस दिखाया.
(आईएएनएस)
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