लाहौल-स्पीति की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल आर्लेकर, तारीफ में कहीं ये बात
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लाहौल-स्पीति की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल आर्लेकर, तारीफ में कहीं ये बात

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज़ समृद्ध है.

लाहौल-स्पीति की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल आर्लेकर, तारीफ में कहीं ये बात

संदीप सिंह/लाहौल-स्पीतिराज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज़ समृद्ध है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां के लोगों ने अपनी इस पहचान को कायम रखा है और वो यहां कि संस्कृति से प्रभावित हुए हैं.

राज्यपाल आज लाहौल-स्पीति के काज़ा में उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि हिमाचल सही मायनों में सुदूर क्षेत्रों में बसता है. वह कोशिश करेंगे कि राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलें.

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उन्होंने कहा कि हिमाचल की संस्कृति को नजदीक से समझने के साथ-साथ इस तरह वह लोगों की समस्याओं को भी जान सकेंगे. यहां उनसे मिले लाहुलवासियों ने भी अपनी कुछ समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया है और वह उन्हें दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. दुनिया को आकर्षित करते पहाड़ और बौद्ध संस्कृति और स्वच्छ वातावरण सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां नियोजित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से रोजगार भी बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी.

तो वहीं, राज्यपाल ने इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य का आनंद लिया. उनके साथ आई लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर भी उपस्थित थीं. इससे पूर्व, एडीएम मोहन दत्त ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर को पारम्परिक वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया. राज्यपाल ने आज स्थापीय प्रशासन के साथ भी बैठक कर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं हमारे जनजातीय क्षेत्रों के लिए कार्यान्वित की हैं,  जिनका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचना चाहिए. राज्यपाल ने लांगचा, कौमिक और हिक्किम गांवों का भी दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की. उन्होंने लांगचा में छेरिंग डोलमा और गटूक छोड़न को गृहिणी सुविधा के तहत गैस कनेक्शन व चूल्हा विरित किया.

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओें को खाना पकाने के चुल्हे के धुएं से छुटकारा दिलाने तथा पर्यावरण संरक्षण में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गत तीन सालों में प्रदेश सरकार ने राज्य में इस योजना के तहत 2.85 लाख महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि इसी का परिणाम है कि दिसंबर 2019 में हिमाचल प्रदेश को चूल्हा धुआ मुक्त राज्य घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि हिमाचल इस प्रकार की उपलब्धि प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य है. उन्होंने लोगों से इस सुविधा का लाभ लेने की अपील की. राज्यपाल ने ताबो और की-गोम्पा का दौरा भी किया.

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