Punjab News: चुनावों के बीच ईवीएम हमेशा चर्चाओं में आ जाती है. इसकी सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं. अब जब देश में लोकसभा चुनावों की तैयारी जोरो पर है तो अब एक बार फिर ईवीएम की सुरक्षा बड़ा सवाल बन चुकी है.
Trending Photos
Punjab News: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर देशभर में हमेशा से विवाद होते रहे हैं. इसे लेकर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं, वहीं आम लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में ईवीएम मशीनों की निगरानी और सुरक्षा अब आउटसोर्स एजेंसियों के कर्मचारियों को सौंपी जा रही है.
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा आउटसोर्स एजेंसियों से कर्मचारियों की आपूर्ति के संबंध में लिखित समझौता करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. आउटसोर्स एजेंसियों के साथ यह अनुबंध मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा आगामी 3 वर्षों के लिए किया जा रहा है. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आउटसोर्स एजेंसियों के अनजान कर्मचारियों के पास इवीएम कैसे सुरक्षित रह सकती है.
ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh में बदले मौसम के कारण किसानों को रहा भारी नुकसान
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों द्वारा हमेशा से ही तरह-तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं. पंजाब में ईवीएम को लेकर इतना ज्यादा अविश्वास रहा है कि अब ईवीएम के गोदाम पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा पक्का मोर्चा लगाकर सब कुछ अपनी निगरानी में रखने की नौबत तक आ चुकी है. इसके चलते पंजाब में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा और रख-रखाव को लेकर पहले से ही काफी चिंता व्यक्त की जा चुकी है.
इन सवालों और चिंताओं के बीच पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने आउटसोर्स एजेंसियों को मैन पावर सप्लाई करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने आउटसोर्स एजेंसियों से कुल 13 अलग-अलग पदों के लिए कर्मचारियों की मांग की है, लेकिन इस सूची में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) गोदाम प्रभारी और गोदाम चौकीदार का पोस्ट होने के चलते काफी ज्यादा अटपटा सा लग रहा, क्योंकि इस तरीके से इनके हवाले इलेक्ट्रॉनिक बोटिंग मशीन (ईवीएम) को कैसे किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- JP Nadda के बेटे हरीश नड्डा द्वारा निःशुल्क कैंसर जांच शिविर का किया गया आयोजन
इस तरह के कई विवाद होने के बावजूद भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन गोदाम का इंचार्ज आउटसोर्स एजेंसी द्वारा रखा हुआ ठेके पर अनजान व्यक्ति कैसे हो सकता है, क्योंकि वह सरकारी तौर तरीके से अनजान होने के साथ-साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा और उसकी अहमियत से भी अनजान हो सकता है, जिस कारण इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस बात का फायदा उठाते हुए किसी भी समय कोई भी व्यक्ति उसकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा का भले ही जिम्मा केंद्रीय सुरक्षा बल के पास भी रहता है, लेकिन जिस गोदाम में इलेक्ट्रॉनिक मशीन को रखा जाना है उसे गोदाम के ही इंचार्ज अगर प्राइवेट आउटसोर्स एजेंसी की तरफ से आए हुए होंगे तो वह इंचार्ज कैसे अपनी भूमिका को जस्टिफाई कर पाएंगे, क्योंकि ना ही उनके पास इस तरह का कोई अनुभव है और ना ही वह इतने बड़े स्तर पर सुरक्षा इंतजाम को कर पाएंगे.
WATCH LIVE TV