Chaitra Navratri 2022: 2 अप्रैल से इस तरह करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, सितारों से चमक उठेगी किस्मत
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Chaitra Navratri 2022: 2 अप्रैल से इस तरह करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, सितारों से चमक उठेगी किस्मत

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं. माता की कृपा पाने के लिए नवरात्रि के दौरान लगातार 9 दिनों शक्ति की उपासना की जाती है.

Chaitra Navratri 2022: 2 अप्रैल से इस तरह करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, सितारों से चमक उठेगी किस्मत

नई दिल्ली : Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि  नवरात्रि के दौरान  देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना करने से घरेलू और आर्थिक समेत इंसान के सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं.

ऐसे में नवरात्रि की अवधि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इसमें मार्कण्डेय पुराण से लिए गए 700 मंत्रों का उल्लेख है. आज हम आपको बताएंगे कि  नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

इन बातों का ध्यान रखना जरूरी 

  • दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले पुस्तक को नमस्कार कर ध्यान करें. इसके बाद माता का ध्यान करके पाठ आरंभ करें.
  • दुर्गा सप्तशती पाठ करने के दौरान पुस्तक को कभी हाथ में लेकर नहीं पढ़ना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से आधा फल ही मिलता है. ऐसे में पुस्तक को व्यासपीठ या लाल कपड़े के ऊपर रखकर पाठ करना चाहिए. 
  • दुर्गा सप्तशती पाठ के बीच में नहीं उठना चाहिए. पाठ के बीच में रुकना भी अशुभ माना गया है. संपूर्ण पाठ करते हैं तो कुल 13 में से चार अध्याय पूरा होने के बाद विराम ले सकते हैं. 

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  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय उसे पढ़ने की गति ना तो बहुत अधिक तेज होनी चाहिए और न ही बहुत धीमी. इसके अलावा पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और सुमधुर होना चाहिए. 
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले आसन पर बैठते समय पहले शुद्धिकरण करें, उसके बाद ही पाठ आरंभ करें. आसन कुश या लाल रंग का कंबल हो तो काफी बेहतर होगा.
  • अगर एक दिन में संपूर्ण पाठ करना संभव न हो तो पहले दिन सिर्फ मध्यम चरित्र का पाठ करें. इसके बाद अगले दिन बचे हुए 2 चरित्र का पाठ करें. दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए दूसरा विकल्प ये है कि एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से 7 दिन में पूरा करें. 

इस बार का शुभ मुहूर्त  

चैत्र नवरात्रि के लिए इस बार शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 9 मिनट रहेगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6. 22 बजे से लेकर 8.31 बजे तक का है. वहीं घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.08 बजे से लेकर 12.57 तक रहेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता) 

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