12 फरवरी 2022 को पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को जया एकादशी भी कहा जाता है. इस बार शनिवार के दिन एकादशी की तिथि पड़ने के कारण शनि देव की पूजा का उत्तम संयोग बना हुआ है. बताया जा रहा है कि शनि अपने नक्षत्रों को परिवर्तन करने जा रहे हैं.
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चंडीगढ़- कुंडली में शनि की दशा होने के कारण हमारे मन में न जाने कितने ख्याल आ जाते हैं. शनि का नाम लेते ही डर की स्थिति पैदा हो जाती है. शनि की दशा का निवारण करने के लिए हम बहुत से उपाय करते है.
कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर शनि की महादशा होती है तो उसके माथे की चमक गायब हो जाती है और माथे पर कालापन नजर आने लगता है. अगर आप भी शनि की दशा से बचना चाहते हैं तो आपके लिए ये बहुत ही अच्छा अवसर है.
शनि देव की पूजा करने का उत्तम संयोग-
12 फरवरी 2022 को पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को जया एकादशी भी कहा जाता है. इस बार शनिवार के दिन एकादशी की तिथि पड़ने के कारण शनि देव की पूजा का उत्तम संयोग बना हुआ है. बताया जा रहा है कि शनि अपने नक्षत्रों को परिवर्तन करने जा रहे हैं, शनि अब धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं. धनिष्ठा नक्षत्र में शनि देव 15 फरवरी 2023 तक रहेगें.
कैसे करें शनि की दशा को दूर-
जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती चल रही है उनके लिए शनिवार का दिन विशेष माना जा रहा है. इस दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं. तिल के तेल का दीपक जलाएं, काले तिल अर्पित करें और जरूरतमंद लोगों को काले तिल और तेल दान करें साथ ही काले कंबल का दान करने से साढ़े साती के अशुभ प्रभाव कम होंगा.
इस मंत्र का करें उचारण-
ये मंत्र उन लोगों के लिए ज्यादा लाभकारी है जिन पर शनि की साढ़े साती चल रही है. " ऊँ शं शनैश्चराय नम:" मंत्र का जाप करें.
कब से कब तक रहेगी एकादशी-
11 फरवरी को एकादशी तिथि दोपहर करीब 1.30 पर शुरू होगी जो कि अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम करीब 4.20 तक रहेगी. एकादशी तिथि में तिल दान के लिए शुक्र और शनिवार यानी दोनों दिन खास रहेंगे.
शनिवार को करें विष्णु जी की पूजा-
12 फरवरी को एकादशी और शनिवार का योग होने से विष्णु जी की पूजा करना भी लाभदायक बताया गया है. जया एकादशी पर सुबह जल्दी उठकर 'ऊँ सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करें.
विष्णु पूजन में विष्णु जी और महालक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें. तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाकर आरती करें. पूजा में 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप करें.
इस राशि पर है शनि की दशा-
इस समय धनु राशि के जातकों पर शनि की टेढ़ी नजर है. धनु राशि से 2023 में शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी. मकर राशि में 2025 तक शनि की साढ़ेसाती है.
शनि के मीन राशि में गोचर करने के बाद मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी. इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है.
शनि के मेष राशि में गोचर करने के बाद कुंभ राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. 23 जनवरी 2028 को कुंभ राशि से पूरी तरह शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)