CWG 2022: इंग्लैंड में हुई कॉमनवेल्थ गेम में भारत के कई खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से कुछ खिलड़ियों ने भारत को गोल्ड तो कुछ खिलाड़ियों ने सिल्वर मेडल दिलाए हैं. इस लिस्ट में पंजाब के विकास ठाकुर का नाम भी शामिल है. उन्होंने भारत को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर रजत पदक दिलाया है.
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भारत शर्मा/नई दिल्ली: भारतीय वेटलिफ्टर विकास ठाकुर (weightlifter Vikas Thakur) ने 2022 इंग्लैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022) में इस साल रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. विकास देश के ऐसे पहले इकलौते वेटलिफ्टर बने हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth games) में भारत को लगातार तीन बार मेडल दिलवाया है. विकास ठाकुर अब अर्जुन अवॉर्ड (Arjuna Award) के लिए अपना नामांकन भरेंगे.
पंजाब सरकार देगी 50 लाख रुपये का इनाम
बता दें, विकास ठाकुर ने 2014 में रजत पदक और 2018 में कांस्य पदक जीता था, जिसके बाद अब उन्होंने हाल ही में हुई कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. वह भारत के पहले ऐसे वेटलिफ्टर बने हैं जिन्होंने लगातार एक के बाद एक इंटरनेशनल लेवल की गेम्स कॉमनवेल्थ में तीन बार मेडल जीते हैं. विकास ठाकुर को पंजाब सरकार की ओर से खेल नीति के तहत 50 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा ताकि खेल के प्रति उनका उत्साह और बढ़ाया जा सके.
पहले से कितना बदला भारत का खेल क्षेत्र
विकास ने बताया कि वह अभी देश के लिए खेल रहे हैं. इसके साथ ही वह भारतीय फौज में वारंट अफसर के तहत नौकरी भी कर रहे हैं. विकास भारत की ओर से नेशनल वेटलिफ्टिंग टीम के मेंबर हैं. उन्होंने कहा कि आज का युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. एक समय ऐसा था जब इन खेलों में भारत के खाते में कोई मेडल नहीं आते थे. इंडिया को केवल हॉकी में ही मेडल मिलते थे, लेकिन आज भारत ने एक नया ट्रेंड सेट किया है. भारत के नौजवान एथलेटिक्स, भाला फेंकने, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस, बैडमिंटन और अन्य कैंप में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के लिए मेडल ला रहे है.
कैसे शुरू हुआ मेडल लाने का सफर
विकास ठाकुर बताते हैं कि बचपन में वह काफी शरारती होते थे और पढ़ाई में भी अच्छे विद्यार्थी थे, लेकिन शरारती होने की वजह से परिवार ने उनको स्पोर्ट्स में डालने का फैसला किया. पहले उन्होंने एथलेटिक्स की शुरुआत की, लेकिन फिर उन्होंने वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी. धीरे-धीरे उनका मन वेटलिफ्टिंग में ही मन लगने लगा. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक मेडल लाने शुरू कर दिए.
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19 साल की उम्र में जीता था रजक पदक
वह पहले जिला स्तर फिर राज्य स्तर और फिर नेशनल स्तर की गेम्स में भी मेडल लेकर आने लगे. विकास ने बताया कि साल 2014 में जब कॉमनवेल्थ गेम्स हुईं तब उनकी उम्र महज 19 साल थी. इस उम्र में ही उन्होंने भारत को वेटलिफ्टिंग में रजत पदक दिलवाया, जिसके बाद वह पीछे नहीं हटे और एक के बाद एक मेडल लाने लगे. विकास ठाकुर ने कहा कि हमारे देश के नौजवानों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस उन्हें सही समय पर सही जगह लगाने की जरूरत है.
पंजाब के युवा किसी से कम नहीं
उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव को लेकर वह काफी उत्साहित हैं. पिछले दिनों हम कारगिल दिवस मनाकर हटे हैं और अब आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के अवसर पर हर-हर तिरंगा मुहिम के तहत प्रधानमंत्री जी की ओर से शुरुआत की गई है, जिसकी वह सराहना करते हैं. विकास ठाकुर ने बताया कि अगर हमारे पंजाब की बात की जाए तो पंजाब ने हमेशा दुश्मनों से लोहा लिया है. पंजाब के युवा किसी से कम नहीं हैं.
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सिद्धू मूसेवाला के बड़े फैन हैं विकास ठाकुर
विकास ने बताया कि वह सिद्धू मूसेवाला के बड़े फैन हैं. वह उनके हर गाने को सुनते हैं. जब उन्होंने मेडल जीता तो उन्होंने मूसेवाला के सिग्नेचर स्टाइल को भी कॉपी किया. उन्होंने कहा कि वह ज्यादातर मूसेवाला के ही गाने सुनते हैं और आगे भी सुनते रहेंगे. वह उनके बहुत बड़े फैन हैं. जब वह प्रैक्टिस करते थे तब भी उनके ही गाने सुनते हैं क्योंकि सिद्धू मूसेवाला के गाने उनके काफी जोश देते हैं.
नशे के लिए पंजाब को किया जा रहा बदनाम
पंजाब में बढ़ रहे गैंगस्टरवार और नशे को लेकर विकास ने कहा कि पंजाब को बेवजह बदनाम किया जा रहा है. आज पूरे विश्व के युवाओं को नशे की लत लगी हुई है. पंजाब के नौजवान मेरे संपर्क में हैं उनमें से कोई नशा नहीं करता, बल्कि वह देश के लिए मेहनत करके देश का नाम रोशन कर रहे हैं.
अर्जुन अवॉर्ड पर कही यह बात
विकास ठाकुर ने बताया कि वह अर्जुन अवार्ड के लिए पूरी तरह सक्षम हैं उन्होंने तीन बार देश को कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल दिलवाए हैं. लगातार 12 साल तक किसी भी खिलाड़ी के लिए इंटरनेशनल लेवल पर मैडम लाना और अपनी फिटनेस का ध्यान रखना कोई आम बात नहीं है. वह इस बार भी पिछली बार की तरह अपना नामांकन भरेंगे, देना ना देना सरकार का फैसला है. अगर दे देंगे तो भी अच्छा है अगर नहीं देंगे तो भी कोई बात नहीं. जब तक वह फिट हैं देश के लिए खेलते रहेंगे और मेडल लाते रहेंगे.
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