Bikni Day 2022: 1946 में आज ही के दिन पहली बार बिकनी डे मनाया गया था. हैरानी की बात यह है कि इसे किसी फैशन डिजाइनर ने नहीं बल्कि एक इंजीनियर ने डिजाइन किया था, जिसका नाम लुईस लेअर्द था.
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Bikni Day 2022: आज के समय में लड़के हों या लड़कियां हर कोई खुद को परफेक्ट रखना पसंद करता है. आज हर किसी की लाइफस्टाइल चेंज हो गई है. ऐसे में बिकनी लड़कियों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है या यूं कहें कि बिकिनी आज के दौर में यंग जनरेशन के लिए फैशन स्टेटमेंट बन चुकी है. अब आप सोच रहे होंगे कि हम यह सब क्यों बोल रहे हैं. दरअसल आज यानी 5 जुलाई को बिकनी डे है. ऐसे में आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि बिकनी पहनने की शुरुआत किसने की थी. इसके साथ ही यह भी बताएंगे कि इसका नाम बिकनी क्यों रखा गया?
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पहली बार कब बनाया गया बिकनी डे?
बता दें, 1946 में आज ही के दिन पहली बार बिकनी डे मनाया गया था. हैरानी की बात यह है कि इसे किसी फैशन डिजाइनर ने नहीं बल्कि एक इंजीनियर ने डिजाइन किया था, जिसका नाम लुईस लेअर्द था. बिकनी को जिस जगह डिजाइन किया गया था उसका नाम अटोल था जो प्रशांत महासागर में स्थित है. बताया जाता है कि वह जगह उस समय अमेरिका की न्यूक्लियर एटम और हथियारों की परीक्षण साईट थी. ऐसे में उस वक्त लुईस रियर्ड का बिकनी बनाना किसी बम आविष्कार से कम नहीं थी. यही वजह थी कि इसका नाम बिकनी रखा गया.
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19 साल की डांसर ने किया था एड
जब बिकनी बनाई गई थी तब इसे मार्केट में लाना एक टास्क बन गया था. उस वक्त कोई भी एक्ट्रेस इसका विज्ञापन करने के लिए तैयार नहीं थी. काफी समय इंतजार करने के बाद एक 19 साल की डांसर ने इसका एड किया. एक समय ऐसा भी आया जब स्पेन और इटली में बिकनी पर बैन लगा दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद यह बैन हटा दिया गया. इसके बाद साल 1950 में यहां के बाजारों में बिकनी का रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होने लगी. फिर धीरे-धीरे अमेरिका के साथ-साथ दूसरे देशों में इसका चलन शुरू हो गया.
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