Dragan farming: हिमाचल प्रदेश में ड्रैगन खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ड्रैगन फ्रूट महंगा होता है. ऐसे में अगर किसान यह खेती करेंगे तो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
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राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायत बेहड़ जसवां में विश्व बैंक द्वारा डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट बनने जा रही है, जिसका आज विधानसभा क्षेत्र चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू ने शिलान्यास कर दिया है.
बेरोजगारी युवाओं का किया आह्वान
इस दौरान सुदर्शन बबलू ने कहा कि इस फ्रूट प्रोसेसिंग इकाई के स्थापित होने से ड्रैगन फ्रूट्स, अश्वगंधा, एलोवेरा, अंजीर और स्टीविया सहित विभिन्न प्रकार के फलों की भी प्रोसेसिंग की जाएगी. भविष्य में भी इस क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट सहित फल उत्पादन से संबंधित अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्रवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. इसके साथ ही उन्होंने बेरोजगार युवाओं का आह्वान भी किया और कहा कि युवा कृषि व बागवानी की आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए इसे व्यवसाय के रूप में अपनाएं.
बेहड़ जसवां की उद्यमी रीवा सूद द्वारा लगाया गया प्रोजेक्ट
वहीं, उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रदेश सरकार के सहायोग से बागवानी क्षेत्र में एक विकासात्मक परियोजना संचालित की जा रही है. इसी के तहत जिला में ड्रैगन फ्रूट प्रोसेसिंग के लिए पहला प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट बेहड़ जसवां की उद्यमी रीवा सूद द्वारा लगाया गया है.
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ड्रैगन फ्रूट की खेती को राज्य सरकार दे रही बढ़ावा
राघव शर्मा ने बताया कि जिला में बीते दो या तीन साल से ड्रैगन फ्रूट की खेती आरंभ की गई है. मनरेगा के माध्यम से भी ड्रैगन खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि जिला के ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों/बागवानों के लिए बेहतर योजना है. राज्य सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बढ़ावा दे रही है क्योंकि ड्रैगन फ्रूट काफी मंहगा होता है. जो किसान खेती के माध्यम से अपनी आय में बढ़ोतरी करना चाहते हैं वे ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर अपनी रूचि बढ़ाएं.
उन्होंने बताया कि जिला का तापमान इस फ्रूट की खेती करने के लिए अनुकूल है. ड्रैगन की खेती बंजर और असिंचित जमीन पर भी संभव है. इसके लिए बेसहारा और जंगली जानवरों द्वारा उजाड़े जाने का खतरा भी कम रहता है, इसलिए ड्रैगन फ्रूट की खेती इस क्षेत्र में लोगों की आय का प्रमुख साधन बन सकती है. जिला में ड्रैगन फ्रूट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों और बागवानों को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि जिला में किसानों व बागवानों को ड्रैगन फ्रूट के 5000 पौधे दिए जा चुके हैं. कई लोग अपने स्तर पर भी ड्रैगन की खेती को अपना रहे हैं. उपायुक्त ने जिला के किसानों से आग्रह किया कि वे ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर रूझान पैदा करें ताकि वह इससे अच्छी कमाई करके अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी कर सकें.
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