हिमाचल विधानसभा चुनाव में गरमाया महिला सशक्तिकरण का मुद्दा, क्या है महिलाओं की मांग
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हिमाचल विधानसभा चुनाव में गरमाया महिला सशक्तिकरण का मुद्दा, क्या है महिलाओं की मांग

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां एक ओर हर प्रत्याशी में जीत हासिल करने की होड़ मची हुई है, वहीं इस बीच प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का मुद्दा भी गरमाया हुआ है. चुनाव में महिला मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं होने लगी हैं

हिमाचल विधानसभा चुनाव में गरमाया महिला सशक्तिकरण का मुद्दा, क्या है महिलाओं की मांग

अंकुश ढोभाल/शिमला: देश प्रदेश में महिला सशक्तिकरण (Women empowerment) सभी राजनीतिक दलों के लिए एक प्रमुख मुद्दा है. हिमाचल विधानसभा चुनाव (himachal asssembly election 2022) में भी महिला सशक्तिकरण का मुद्दा छाया हुआ है, लेकिन विडंबना है कि हिमाचल को आज तक मुख्यमंत्री के रूप में कोई महिला नहीं मिल सकी है, लेकिन खास बात यह है कि हिमाचल के दोनों ही दलों में मजबूत महिला नेताओं की कमी भी नहीं रही है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री कार्यालय आज तक एक महिला मुख्यमंत्री के इंतजार में है. मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में महिला और पुरुष वोटरों की संख्या भी लगभग एक बराबर है. प्रदेश में पुरुष वोटर की संख्या 27 लाख 80 हजार 208 है जबकि महिला वोटर की संख्या 27 लाख 27 हजार 016 है.

महिलाएं भी चाहती हैं एक महिला मुख्यमंत्री 
हिमाचल प्रदेश की महिलाएं भी प्रदेश को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलने का इंतजार कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. यही नहीं, कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां महिलाएं पुरुषों से कई कदम आगे हैं. प्रदेश की राजनीति में भी महिलाओं की सक्रिय भागीदारी है. ऐसे में महिलाओं को सत्ता चलाने का मौका दिया जाना चाहिए.

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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक अश्वनी शर्मा?
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी शर्मा मानते हैं कि लोकतंत्र में सब कुछ संभव है. अश्वनी शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं बहुत पुरानी हैं. प्रदेश में दोनों ही मुख्य दलों में मजबूत महिला नेताओं की कोई कमी नहीं रही है. विद्या स्टोक्स एक बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनते बनते रह गईं. 

आशा सिंह को लेकर हो रही चर्चा
इसके अलावा सत्यावती परमार, विप्लव ठाकुर, सरला शर्मा, विमला महाजन, श्यामा शर्मा, चंद्रेश कुमारी, महिंदर कौर, लता ठाकुर, अनिता वर्मा और उर्मिला ठाकुर के साथ प्रदेश में कई बड़ी-बड़ी महिला नेताओं ने अपनी साख मनवाई है. हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अब भी आशा कुमारी सरीखे जैसी नेता मौजूद हैं. इसके अलावा हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं.

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किसे बनाया मुख्यमंत्री का चेहरा?
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही दलों ने महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. कांग्रेस ने डलहौजी से आशा कुमारी, मंडी से चंपा ठाकुर और पच्छाद से दयाल प्यारी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी ने शाहपुर से सरवीन चौधरी, चंबा से नीलम नैयर, इंदौरा से रीता धीमान, पच्छाद से रीना कश्यप और रोहड़ू से शशिबाला, बड़सर से माया शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. साथ ही जनता के बीच कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी मुख्यमंत्री बनाने को लेकर चर्चा जोरों पर है.

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