Kolkata Doctor Rape Case के बाद क्यों हो रही शरिया कानून पर चर्चा, जानें क्या कहता है ये लॉ?
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Kolkata Doctor Rape Case के बाद क्यों हो रही शरिया कानून पर चर्चा, जानें क्या कहता है ये लॉ?

Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना सामने आई है. ऐसे में सोशल मीडिया पर शरिया कानून का जिक्र हो रहा है. आज हम बताने वाले हैं कि जिन देशों में शरिया कानून लागू है, उन देशों में रेप की घटना कम क्यों होती है. 

 

Kolkata Doctor Rape Case के बाद क्यों हो रही शरिया कानून पर चर्चा, जानें क्या कहता है ये लॉ?

Kolkata Doctor Rape Case: यौन हिंसा एक व्यापक समाजिक मुद्दा है, जिसे रोकने के लिए दुनियाभर के सरकारों को जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. दुनिया के कई देशों में रेप के मामले बहुत कम दर्ज किए जाते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया भर में करीब 35 फीसद औरतों ने अपने जीवन में यौन उत्पीड़न का सामना करती हैं. इनमें से 40 फीसद से भी कम महिलाएं मदद मांगती हैं और10 फीसद से भी कम महिलाएं कानून की मदद लेती हैं. इसलिए ज़्यादातर रेपिस्ट सज़ा से बच निकलते हैं. 

कोलकाता रेप कांड
हाल में ही कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना सामने आई. ट्रेनी डॉक्टर के साथ इतनी दरिंदगी की गई है कि जिसने भी कलकत्ता रेप कांड के बारे में सुना है, उनकी रूह कांप गई है. ऐसे हैवान को लोग शरिया कानून के तहत सजा देने की मांग कर रहे हैं. लोगों का तर्क है कि जिन देशों में शरिया कानून लागू है, वहां रेप की घटनाएं कम होती हैं. इसलिए रेपिस्टों को शरिया कानून के तहत सजा देनी चाहिए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जिन देशों में शरिया कानून लागू है, वहां रेप के मामले कम क्यों होते हैं. शरिया कानून में रेपिस्टों को कैसे सजा दी जाती है. इसके अलावा हम आपको यह भी बताने जा रहे हैं कि भारत, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में रेप के कितने मामले होते हैं.

अफ्रीकी देश
वैसे तो दुनिया के हर कोने से औरतों पर यौन हमले के मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन साल 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा रेप के मामले अफ्रीकी देश से सामने आए हैं. सिर्फ बोत्सवाना में 1 लाख महिलाओं में से करीब 93 फीसद महिलाओं के साथ यौन हिंसा होता है. इसके बाद यौन हिंसा मामले में बोत्सवाना नंबर वन है. दूसरे नंबर पर लेसोथो है, जहां हर साल लगभग 82 फीसद महिलाओं के साथ रेप की यौन हिंसा की घटना होती है. 

दक्षिण अफ्रीका
वहीं, तीसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीक हर दिन लगभग 1400 रेप के मामले सामने आते हैं. दक्षिण की मेडिकल काउंसिल के जरिए जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक 2009 में यहां करीब चार में से एक पुरुष ने महिलाओं के साथ रेप किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक,  साल 2022-2023 में दक्षिण अफ़्रीका में रेप के 43,037 मामले दर्ज किए गए, जिसमें गौतेंग में सबसे ज़्यादा 8,811 मामले दर्ज किए गए. क्वाज़ुलु-नताल और ईस्टर्न केप में 8,468 और 6,883 मामले दर्ज किए गए थे. 

स्वीडन
स्वीडन में अब दक्षिण अफ्रीका के बाद दुनिया में रेप की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है, जो 100,000 में 53.2 है. अब आंकड़े बताते हैं कि हर 4 स्वीडिश महिलाओं में से 1 रेप की शिकार होती है. स्वीडन में यौन अपराधों के कुल दर्ज मामलों की संख्या 2012 से 2021 तक बढ़ी थी, लेकिन फिर 2022 में फिर से कुछ हद तक कम हो गई. जबकि 2013 में कुल 16,000 से ज्यादा यौन अपराध दर्ज किए गए थे, साल 2023 तक यह बढ़कर लगभग 24,000 हो गए. इनमें सबसे ज्यादा संख्या यौन उत्पीड़न के मामलों की थी, उसके बाद रेप के मामले थे. खासकर बलात्कार के दर्ज मामलों की संख्या इस अवधि में बढ़ी, 2012 में 6,000 से बढ़कर 2023 में 9,300 हो गई थी.

अमेरिका
जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी, वर्ल्डवाइड सेक्सुअल असॉल्ट स्टैटिस्टिक्स के रिपोर्ट के मुताबिक, 3 में से 1 अमेरिकी महिला अपने जीवनकाल में यौन शोषण का शिकार होती है. लगभग 19.3 फीसद महिलाओं को एक बार रेप का सामना करना पड़ा है. यौन हिंसा के मामले में अमेरिका स्थान पर मौजूद है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 43.9 फीसद महिलाओं और 23.4 फीसद पुरुषों ने अपने जीवनकाल में यौन हिंसा के दूसरे रूपों का अनुभव किया है. यौन शोषण के कई पीड़ित कम उम्र में पीड़ित हुए, लगभग 79 फीसद का पहली बार 25 साल की उम्र से पहले रेप किया गया, और 40 फीसद का 18 साल की उम्र से पहले रेप किया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में हर 107 सेकंड में किसी न किसी शख्स का यौन शोषण होता है.

इंग्लैंड
दुनिया के विकसित देशों में शुमार ब्रिटेन भी यौन हिंसा के मामले में अमेरिका के बराबर है. यहां भी 27.29 महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटना सामने आती है. ब्रिटेन में हर 5 महिलाओं में 1 महिला यौन हिंसा की शिकार होती हैं. इंग्लैंड और वेल्स में साल 2012-13 के बाद रेप के मामले में थोड़ी बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन साल 2014 के बाद रेप के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. साल 2021-22 में 69,973 महिलाओं के साथ रेप की घटना हुई थी और 2022-23 में रेप की घटनाएं थोड़ी कम हुई, इस साल लगभग 68 हजार घटनाएं घटी.

रेप के मामले में भारत का क्या है हाल
भारत में हर दिन रेप के 87 मामले सामने आते हैं. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में एक दिन में रेप के 5.6 मामले सामने आते हैं. एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रेप के मामलों में 13.23 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. राजस्थान (6342), मध्य प्रदेश (2947), उत्तर प्रदेश (2845) के बाद दिल्ली (1252) का स्थान है, जहां रेप के सबसे ज्यादा मामले हैं. भारत वैश्विक रैंक में रेप के मामले में 93वें स्थान पर मौजूद है.

संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त अरब अमीरात का अबू धाबी शहर महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. इस शहर का अपराध दर भी बहुत कम है. अबू धाबी रहने के लिए बहुत सुरक्षित है. यहाँ लोगों की सुरक्षा को बहुत महत्व दिया जाता है. हाल में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महिलाओं के लिए दुबई सबसे सुरक्षित दुनिया के सभी शहरों में से एक हैं, लेकिन यौन हिंसा के मामले में संयुक्त अरब अमीरात 99वें स्थान पर है. यहां 1 लाख महिलाओं में 1.54 फीसद महिलाओं से रेप की घटना घटती है. जो बेहद ही कम है. 

सऊदी अरब का क्या है हाल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2002 में, सऊदी अरब में हर साल 100,000 लोगों पर 0.3 रेप की घटनाएं दर्ज की गई हैं. सऊदी अरब के शरिया कानून की वजह रेप की घटना कम होती है. यहां रेप को आरोपियों को सजा के तौर पर कोड़े मारने से लेकर फांसी तक दी जाती है. साल 2019 में सऊदी अरब में रेप के लिए आठ लोगों को फांसी दी गई.

शरिया कानून में रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए के लिए क्या है सजा
शरिया इस्लाम धर्म का संविधान है. जिसके के जरिए पूरी दुनिया में इस्लाम मजहब संचालित होता है. शरिया के जानकारों का मानना ​​है कि इसमें इस्तेमाल किए गए कानून कुरान और हदीस से लिए गए हैं, जो इस्लाम के भीतर सोशल, मजहबी, सियासी और कल्चरल रूप से जीने नियम बताते हैं. इन सभी पहलुओं के अलावा शरिया रेप, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार समेत दूसरे संगीन अपराधों के लिए सख्त कानून है. शरिया कानून के तहत रेप के मुजरिम को सरेआम मौत की सजा दी जाती है. उदाहरण के लिए, सऊदी अरब में कहीं फांसी की सज़ा दी जाती है, कहीं सार्वजनिक कोड़े मारकर मौत की सज़ा दी जाती है, कहीं पत्थर मारकर मौत की सज़ा दी जाती है और कहीं गुप्तांग काट दिए जाते हैं.

डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी कई मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. अगर डेटा में कोई गतली है तो ज़ी सलाम इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है.

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