Qatar on Hamas leaders: गाजा में पिछले साल 7 अक्टूबर से हिंसा जारी है. इस हिंसा में अब तक 43 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच, दुनियाभर के नेताओं ने सीजफायर की वकालत की. हालांकि, हमास और इसराइल के बीच युद्ध विराम पर सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच, इस मुस्लिम देश ने हमास के ख़िलाफ़ बड़ा कदम उठाया है.
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Qatar on Hamas leaders: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो चुका है. इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को बहुमत मिला है. ट्रंप की यह दूसरी जीत इस मायने में भी खास है कि इस बार सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिला है. ट्रंप सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद दुनियाभर के लोगों को उम्मीद है कि वह गाजा में शांति स्थापित करेंगे, लेकिन इस बीच अमेरिका के इस कदम से हमास के नेताओं को बड़ा झटका लगा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अब हमास नेता कतर में पनाह नहीं ले सकेंगे. कतर में बैठे सभी हमास नेताओं को दो सप्ताह के भीतर कतर छोड़ना होगा. क्योंकि अमेरिका के अनुरोध पर कतर ने हमास नेताओं को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. इजरायल-हमास जंग को रोकने की कोशिशों के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कतरी समकक्षों को लगभग दो सप्ताह पहले सूचित किया कि उन्हें अपनी राजधानी में हमास को शरण देना बंद करना चाहिए. कतर ने सहमति व्यक्त की और लगभग एक सप्ताह पहले हमास को नोटिस थमा दिया.
अमेरिका ने अपना रुख किया साफ
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिका और कतर के सूत्रों ने बताया कि फिलिस्तीनी ग्रुप को इजरायल-हमास युद्ध में सीजफायर और बंधकों की रिहाई के समझौते के लिए मनाने की कई नाकाम कोशिशों के बाद यह कदम उठाया गया. एक सीनियर प्रशासन अधिकारी ने बताया, "हमास एक आतंकवादी समूह है. जिसने अमेरिकियों को मारा है और कई को बंधक बनाकर रखा है. बंधकों को रिहा करने के प्रस्तावों को बार-बार खारिज करने के बाद, इसके नेताओं का अब किसी भी अमेरिकी साझेदार की राजधानियों में स्वागत नहीं किया जाना चाहिए."
हमास ने क्या कहा?
हालांकि हमास ने कतर की तरफ से फिलिस्तीनी ग्रुप के अधिकारियों को दोहा से निष्कासित करने पर सहमति जताने की खबरों को 'निराधार" और 'दबाव की रणनीति' बताया. हमास ने कहा कि इस तरह के दावे पहले भी मीडिया में बिना किसी सबूत के किए जाते रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हमास के अधिकारी ने शनिवार को कहा, 'इजरायली मीडिया में दावा किया गया कि कतर ने अमेरिका के अनुरोध के बाद दोहा से हमास को बाहर निकालने पर सहमति जताई है. हालांकि इसका कोई आधार नहीं है और यह केवल दबाव बनाने की रणनीति है. इसे बिना किसी सबूत के दोहराया गया है."
सीजफायर को लेकर हुई थी चर्चा
अमेरिकी अधिकारी कतर से कहते रहे हैं कि वह हमास के साथ समझौते की चर्चा में निष्कासन की धमकी का लाभ उठाए. हाल ही में अमेरिकी-इजरायली बंधक हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन की मौत और हमास द्वारा एक और युद्धविराम प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद कतर फिलिस्तीनी ग्रुप को बाहर निकालने पर राजी हुआ. पिछले एक साल से इजरायल-हमास युद्ध में सीजफायर करवाने के लिए कतर एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि फिलिस्तीनी ग्रुप के सीनियर मेंबर्स दोहा में रहते हैं. इसी वजह से कतर की राजधानी में प्रमुख वार्ताएं हुई हैं.
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
हमास के कार्यकर्ताओं को कतर से कब निर्वासित किया जाएगा और वे कहां जाएंगे, यह स्पष्ट नहीं है. हालांकि एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि समूह को देश छोड़ने के लिए अधिक समय नहीं दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी गर्मियों में कतर से कहा कि वह हमास को चेतावनी दे कि अगर ग्रुप गाजा में युद्ध रोकने के लिए सहमत नहीं होता है, तो उन्हें दोहा से बाहर निकाला जा सकता है.