Sambhal Jama Masjid case: कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने बंद लिफाफे में 45 पन्नों की संभल शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश कर दी. रिपोर्ट में शाही जामा मस्जिद के हर कोण से की गई फोटोग्राफी भी शामिल है.
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Sambhal Jama Masjid: यूपी के संभल जिले के शाही जामा मस्जिद से जुड़े मामले में कोर्ट कमिश्नर ने 2 जनवरी को मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में पेश की. कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने बंद लिफाफे में सर्वे रिपोर्ट पेश करते हुए अदालत को बताया कि तबियत खराब होने की वजह से रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करने में देरी हुई.
बता दें कि, यह मसला उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था. यह पिटीशन 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसके बाद मस्जिद का सर्वे किया गया था.
जानिए पूरा मामला
यह दावा कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी और हरिशंकर जैन समेत आठ लोगों किया था. अदालत ने उसी दिन एडवोक्ट रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया और सर्वे करने के आदेश दिए. कोर्ट कमिश्नर ने उसी दिन आला अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया. हालांकि, इसके बाद इसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने 24 नवंबर को फिर से शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का फैसला लिया और इस बार उनके साथ जिले के डीएम और एसपी समेत कई आला अफसर भी मौजूद थे, लेकिन इस दौरान हिंसा की भड़क गई , जिसमें चार लोगों की मौत भी हो गई थी.
कोर्ट कमिश्नर ने खराब तबियत का दिया हवाला
इसके बावजूद, पुलिस प्रशासन ने मस्जिद का सर्वे किया और रिपोर्ट तैयार की, जिसे आज कोर्ट कमिश्नर ने अदालत में पेश की. सर्वे की रिपोर्ट 9 दिसंबर को ही अदालत में पेश की जानी थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर ने खराब तबियत का हवाला देते हुए 15 दिन का वक्त मांगा. यह वक्त 24 दिसंबर को पूरा हुआ, लेकिन तब भी रिपोर्ट को कोर्ट में पेश नहीं किया गया था. आखिरकार 2 जनवरी 2025 को कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में रिपोर्ट पेश की.
कोर्ट कमिश्नर ने क्या कहा?
वहीं, इस बारे में जानकारी देते हुए कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में करीब 40 से 45 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट में शाही जामा मस्जिद के हर कोण से की गई फोटोग्राफी भी शामिल है. दोनों फरीकों को पूरा ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में मस्जिद के सर्वे के दौरान लिए गए सभी फोटोग्राफ्स और जरूरी जनाकारी शामिल किए गए हैं, ताकि दोनों फरीकों की बातों को सही तरीके से पेश किया जा सके.