Uttar Pradesh Muslim News: उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों पर कार्रवाई जारी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 94 अवैध मदरसों पर कार्रवाई होने की बात कही जा रही है. यहां के बच्चों का दाखिला स्कूलों में होगा.
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अभिषेक माथुर/अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसे एक बार फिर CM योगी की रडार पर आ गए हैं. सीएम योगी के अफसरों ने उन मदरसों की सूची बनानी शुरू कर दी है, जो गैर पंजीकृत हैं. अलीगढ़ जिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट में 94 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते हुए पाए गए हैं. इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पास के माध्यमिक विद्यालयों में शिफ्ट कराया जा रहा है. बच्चों के शिफ्ट होते ही इन अवैध मदरसों पर ताला लगा दिया जाएगा.
मदरसों का सर्वे
दरअसल, सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों के सर्वे करने के लिए 2022 में निर्देश दिए थे. शासन से निर्देश मिलते ही अधिकारी मदरसों में जा-जाकर सर्वे करने लगे. मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में जा-जाकर अधिकारियों ने सर्वे किया और यह पता लगाने की कोशिश की कि इन मदरसों का वित्त पोषण कहां से हो रहा है. किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.
94 मदरसे गैर पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से महज 100 किलोमीटर दूर अलीगढ़ जिले में सर्वे के बाद आई रिपोर्ट में साफ हो गया है कि कुल 214 मदरसों का यहां सर्वे किया गया था. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी निधि गोस्वामी ने बताया कि सर्वे में सामने आया है कि जिले में कुल 94 मदरसे गैर पंजीकृत पाए गए हैं. इन्हें किसी भी बोर्ड से या अन्य किसी भी तरह की मान्यता नहीं मिली हुई थी. उन्होंने बताया कि इन अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के ही बेसिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती कराया जाएगा. साथ ही साथ शासन के निर्देश पर इन मदरसों को बंद करा दिया जाएगा. निधि गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में अलीगढ़ जिले में 120 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें चार मदरसे अनुदानित भी हैं.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
मदरसों की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन का एक्शन अभी शुरू भी नहीं हुआ कि विपक्ष के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी से पूर्व महानगर अध्यक्ष रहे अज्जू इशहाक ने सीएम योगी के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है. उन्होंने कहा है कि सीएम योगी खुद तो पढ़े-लिखे नहीं है, ऐसे में वह मदरसों पर ताला नहीं लगाएंगे, तो और क्या करेंगे. उत्तर प्रदेश में शिक्षा की हालत और शिक्षा का स्तर क्या हो चुका है, यह सभी को दिखाई दे रहा है. सपा नेता ने कहा कि लोकसभा चुनावों में मिली हार का ही परिणाम है, कि इस तरह की कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है.